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7 टिप्पणियाँ
राजीव भाई,
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं...
मैने ६ वर्षों तक एक लघुपत्रिका कलमदंश का संपादन प्रकाशन किया.
आर्थिक तंगी के चलते उसका प्रकाशन बंद करना पड़ा.
अभी उसे ब्लाग पत्रिका बनाया है. kalamdanshpatrika.blogspot.com
आप देखियेगा.
अभी बहुत सारे सुधारों की गुंजाइश है.
करता रहूंगा.
आप अपने इस अनुषठान हेतु मेरे योग्य सेवा लिखें.
शेष शुभ.
कुहू को प्यार....
--
शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंमेरी भी आप सभी को गणेश चतुर्थी के अवसर पर अनेक शुभकामनाऎं...
जवाब देंहटाएंnamaskar rajiv g bahut achchaa prayas kiya hain aapne . main ek tv channel mai reporter hu kabhi kabhi likh bhi leta hu ,,, mere layak agar koi seva ho jarur batayega ,,,,
जवाब देंहटाएंregards
vivek bajpai
एक आशा सी जग रही है कि हिन्दी साहित्य की विविध विधाएं यहाँ सुंदर रूप में प्रस्तुत होंगी. उद्देश्य निश्चित हो तो मार्ग की कठिनाई स्वयं दूर हो जाती है .यह सपना अवश्य पूर्ण हो , ईश्वर से यही प्रार्थना है. सस्नेह
जवाब देंहटाएंमन प्रसन्न हुआ
जवाब देंहटाएंहिन्दी दिवस के दिन
अब मनायेंगे
साहित्य शिल्पी
के माध्यम से
हिन्दी दिवस प्रतिदिन।
बहुत रचनात्मक प्रयास शुभकामनाएं हिन्दी भाषा की चिठ्ठा कारी में आपका स्वागत है कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारें
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.