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ऑनलाईन चैटिंग के फायदे [व्यंग्य] - आलोक पुराणिक

यह निबंध बीए के उस छात्र का है, जिसने आनलाइन चैटिंग विषय पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार हासिल किया है

1-आनलाइन चैटिंग में सबसे बड़ा फायदा है कि बातचीत करने के लिए साफ-सुथऱा रहने और नहाने की जरुरत नहीं होती। जिस भी अवस्था में चाहे, बंदा बातचीत कर सकता है। यानी जो बातें बातचीत कि शिष्टाचार नामक लैसन में सिखायी गयी थीं, उन्हे अपने दिमाग की हार्ड डिस्क से बंदा हटा सकता है। इससे दिमाग की हार्ड डिस्क में स्पेस खाली हो सकता है। बिना नहाये बंदा अपना फोटू चैटिंग में वो वाला टांग सकता है, जिसमें गंगा स्नान कर रहा हो, या नियाग्रा वाटर फाल्स में गोते लगा रहा हो।

2-आनलाइन चैटिंग में अगली पार्टी को यह पता नहीं चलता कि आप क्या हैं। आप अपनी चाय के खोमचे को फूड प्रोसेसिंग का कारोबार बता सकते हैं, सेफली। आप अपने कबाड़ के कारोबार को रिसाइकलिंग एंड रिप्रोसेसिंग कारोबार बता कर वांछित इंप्रेशन मार सकते हैं।

3- ऐसी बातें, जिनसे रीयल पिटाई हो सकती है, आप ई-मेल चैटिंग में कर सकते हैं, क्योंकि अभी आनलाइन पिटाई संभव नहीं है। आनलाइन पिटाई के साफ्टवेयर आने में अभी समय लगेगा।
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4-आनलाइन चैटिंग कवियों के लिए बहुत अच्छी है और कविता सुनने वालों के लिए भी। जैसे कवि बेहिचक, बेखटके, हूट होने के खतरे की चिंता किये बगैर ही कविताएं ठेल सकता है। आनलाइन हूटिंग के साफ्टवेयर भी अभी तक नहीं आये हैं। और उधर कविता सुनने वाले बिना सुने वाह-वाह ठेल सकते हैं। जैसे यूं हो सकता है कि आनलाइन कोई कवि कविता सुना रहा हो तो आप किसी और वैबसाइट पर शिफ्ट होकर अपना काम निपटाकर लौट कर आने के बाद वाह-वाह कर सकते हैं। आनलाइन वाह वाह के लिए सच्ची में कविता में टाइम खल्लास करना जरुरी नहीं है।

5-अगर आपके आसपास के लोग पर्याप्त अज्ञानी हों, तो कंप्यूटर पर आपकी चैटिंग को भी ज्ञानवर्धक गतिविधियों का हिस्सा मान लिया जायेगा।

6-जो शादी-शुदा हैं, वे आनलाइन चैटिंग में बिजी दिखकर अपने घर की सच्ची की रीयल वाली चैटिंग चाऊं-चाऊं से बच सकते हैं। पर इसके लिए आवश्यक है कि पत्नी कंप्यूटर इंटरनेट के मामले में पर्याप्त अज्ञानी हो।


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21 टिप्पणियाँ

  1. व्यंग्य लेखन की आपकी शैली लाजवाब है।

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  2. प्रातः उठते ही कम्पूटर पर बैठने के इतने सारे फायदे ..... परन्तु आलोकजी उनका क्या जिनकी पत्नी कम्पू अज्ञानी तो है किंतु .. वह भी चैटिंग के मतलब जानकर, यदि आप ऑफिस का कामकर रहे हों तब भी यही समझती है की आप किसी से चैटिंग कर रहे होंगे. इधर बन्दा आलोकजी से किसी पोस्ट पर डिसकस कर रह होता है और वह 'अनामी' के साथ चैटिंग का उपालंभ दे रही होती है. अस्तु .... यह जो आनलाइन पिटाई जैसे बचे खुचे सॉफ्टवेर शीघ्र ही मार्केट में आ जायेंतो शायद कुछ बात और बने .. बिगडे ..

    वाह .....

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  3. इतने फायदे पता चले, अब तो यह शगल पालना ही पडेगा।

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  4. आलोक जी की कटाक्ष करने की अपनी ही शैली है। छहों विन्दु याद रखने योग्य हैं।

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  5. बहुत अच्छा फोटो व् लेख
    कभी इस दूम हिलाने वाले की भी पोस्ट पर आए
    regards

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  6. नया नज़रिया पुरानी बात और शानदार प्रस्तुतीकरण !

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  7. नमस्ते जी ,
    एक दम सटीक लिखा है। और ऐसा होता भी है।(गाहे बगाहे मै भी कर लेता हूं)
    इतने उम्दा लेख के लिये कोटिश: धन्यवाद और और भविश्य मै भी आप ऐसा ही लिखते रहेंगे ऐसी शुभेक्षा के साथ आपका शुभेक्षुक
    विकास श्रीवास्तव
    A/28, शास्त्री कोलोनी
    भिण्ड, (म.प्र.)
    +919893308324

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  8. आलोक जी के व्यंग्य आलेखों की बात ही अलग होती है। आपकी पंच लाईनें व्यंग्य को बहुत उँचाई पर ले जाता है। साधारण प्रसंगों का भी आप असाधारण प्रस्तुतिकरण करते हैं..

    ***राजीव रंजन प्रसाद

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  9. बधाई आलोकजी
    ऑन लाइन पिटाई न सही,
    ब्लॉग पर जो जूतम-पैजार होती रहती है..
    उस पर आपकी क्या राय है...???

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  10. :) एकदम सही लिखे हो जी, एक फ़ायदा हम भी बता दें उस छात्र को( आप को नहीं जी) आप दफ़तर से घर आते ही अपने कमरे में बंद हो जाइए अपने कंप्युटर के साथ और पड़ौसी सोचते हैं कि बहुत अंतर्मुखी व्यक्तित्व है इनका किसी से बात ही नहीं करते, उन्हें क्या पता कि सारी दुनिया जहां से बतिया रहे हैं जनाब

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  11. बहुत अच्‍छा है. इसमें असीम संभावनाएं हैं सामने वाले या वाली को बुद्धू बनाये रखने की लेकिन ख्‍यालरहे आप भी इसी तरह की ऑनलाइन बेवकूफियों के शिकार बनाये जा सकते हैं

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  12. ऑनलाइन चैटिंग के फायदों से अवगत कराने का शुक्रिया। अब तो चैटिंग को मजा वास्तव में बढ जाएगा।

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  13. "कवि बेहिचक, बेखटके, हूट होने के खतरे की चिंता किये बगैर ही कविताएं ठेल सकता है।"
    इसके मज़े तो मैने कई मर्तबा लिये हैं
    और
    "आनलाइन वाह वाह के लिए सच्ची में कविता में टाइम खल्लास करना जरुरी नहीं है।" इसका भी शिकार हुआ हूँ।
    एकदम अपनी-सी बात लगी। बधाई स्वीकारें।

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  14. सशक्त व्यंग्य...आपकी रचना हमें चैटिंग के लिये उकसा रही है.. :)

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  15. बहुत रोचक। नये विषय नये व्यंग्य,वाह खूब

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