श्री राम की आराधना और वंदना तो आपने अनेकों कंठों से तथा अनेकानेकों शब्दों में सुनी होगी किंतु राम की ऊर्जा और अर्धांगिनी माँ सीता की वंदना बहुत कम लिखी, सुनी या गायी गयी है। लावण्या शाह नें सीता की आराधना को न केवल शब्द दिये हैं अपितु अपना स्वर भी प्रदान किया है। वंदना प्रस्तुत है, इसे सुनने के लिये नीचे दिये गये प्लेयर पर चटखा लगायें।
सुमँगलीम कल्याणीम।
श्री सीता सुमधुर भाषिणीम॥
वर दायिनीम जगतारिणीम।
श्री राम पद अनुरागिणीम॥
वैदेही जनकतनयाम,
मृदुस्मिता उध्धारिणीम,
चँद्र ज्योत्सनामयीँ, चँद्राणीम,
नयन द्वय, भव भय हारिणीम॥
कुँदेदू सहस्त्र फुल्लाँवारिणीम,
श्री राम वामाँगे सुशोभिनीम।
सूर्यवँशम माँ गायत्रीम,
राघवेन्द्र धर्म सँस्थापिनीम॥
श्री सीता देवी नमोस्तुते!
हे अवध राज्य-लक्ष्मी नमोनम:।
हे राम वल्लभाय नमोनम:।
नमोनम: नमोनम:॥
18 टिप्पणियाँ
अच्छी स्तुति, पढ़ी, सुन नहीं पाए प्लेयर ने काम नहीं किया।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर!
जवाब देंहटाएंलावण्या जी आपकी आवाज बहुत ही मीठी है । इस स्तुति को सुनकर मन बिल्कुल शांत सा हो गया है ।
जवाब देंहटाएं" sunder vandna, acche lgee"
जवाब देंहटाएंRegards
सुंदर लय बद्ध स्तुति सुन कर बहुत अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंSeeta-Vandana kaa ek -ek shabd
जवाब देंहटाएंlagaa ki jaese aapne chun-chun kar
sunder motee reshmee dhaage mein
piro diye hain.Aapke meethe swar
ne to Seeta-Vandana ko chaar chaand
lagaa diye hain.Kaee baar sun chuka
hoon aur kaee baar aur sunooga.
Achchhee rachna ke liye aapko
badhaaee.
यह सत्य है कि सीता जी की स्तुति पहली बार जी सुनी/पढी। इस मायने में आपकी प्रस्तुति सुर्लभ, अद्वतीय तथा संग्रहणीय है।
जवाब देंहटाएंएक और बात, आपकी आवाज बहुत मीठी है।
जवाब देंहटाएंnice poem, very sweet voice.
जवाब देंहटाएंAlok Kataria
मधुर है वंदना और आपका स्वर भी। बधाई।
जवाब देंहटाएंसीता के विषय में कम लोगों नें ही कलम चलाई है, बहुत अच्छी प्रस्तुति। बधाई।
जवाब देंहटाएं"श्री सीता देवी -स्तुति"
जवाब देंहटाएंये मेरा विनम्र प्रयास है -
इसे सराहने के लिये
सभी का आभार !
ममताजी, रितुरँजनजी,
सीमाजी,अनुराग भाई,
दिनेश भाई जी,रचना सागरजी,
प्राण भाई साहब,अभिषेक जी,आलोकजी,मोहिन्दरजी
आप सभी को दीपावली की पुनः शुभकामनाएँ
स स्नेह्,
- लावण्या
लावण्या जी,
जवाब देंहटाएंअति सुंदर स्तुति लिखी और सुमधुर आवाज मैं गई है. बहुत-बहुत बधाई.
आदरणीया लावण्या जी,
जवाब देंहटाएंआपकी प्रस्तुत स्तुति संग्रह करने योग्य तथा प्रात: स्मरणीय है। आपकी कलम नें इस स्तुति के माध्यम से सीता-राम की संकल्पना की ओर ध्यान खीचा है जहाँ राम अकेले सारी स्त्तुतियों में नजर आते हैं, माँ सीता के बिना राम और रामायण कहाँ ..आपकी आवाज़ भी स्पष्ट व मधुर है।
***राजीव रंजन प्रसाद
शोभा जी व राजीव रँजन जी
जवाब देंहटाएंआप दोनोँ का भी बहुत बहुत आभार !
स स्नेह,
- लावण्या
प्रथम अवसर है जब मां सीता की स्तुति गोचर हुई।
जवाब देंहटाएंभाव भीनी एवं वंदनीय ।
प्रवीण पंडित
ऑडियो प्लेयर दिखाना बंद हो गया है, कुछ किया जाये
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार, जो आपने इन्टरनेट पर सीता जी की स्तुति उपलब्ध कराई | महर्षि वाल्मीकि के रामायण की परिभाषा के अनुसार यह माता सीता की कथा है |
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.