
दिनांक 18 अक्टूबर 2008 को 'स्तिक इन्नोम' पाइतवेत सेन्टर, ओस्लो में भारत से पधारे विश्वप्रसिद्ध संस्था 'ग्लोबल मार्च अगेंस्ट चाइल्ड लेबर' के सुमेधा एवं नोबेल शांति पुरस्कार के लिए प्रस्तावित कैलाश सत्यार्थी तथा भारत में चैरिटी स्वास्थ्य सेवा करने वाले ई.एन.टी. चिकित्सक सुरिन्दर कुमार सेठी के सम्मान में एक काव्य गोष्ठी संपन्न हुई जिसमें इन सभी को इनके विशिष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ अनुराग सैम शाह के संगीतबद्ध भजन गायन से हुआ।
काव्य गोष्ठी में कविता एवं कहानी पाठ करने वालों में मुख्य थे सुमेधा सत्यार्थी, इन्दरजीत पाल, राय भट्टी, इंगेर मारिये लिल्लेएंगेन, शाहेदा बेगम, माया भारती, वासदेव, शेरी, अलका भरत, सीनो हादी और सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'। सम्मान्नय अतिथियों ने अपने रोचक संस्मरण सुनाये और आयोजक 'नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम' के कार्यों की सराहना की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. सुरिन्दर कुमार सेठी ने की तथा कार्यक्रम का संचालन किया सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' ने।
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9 टिप्पणियाँ
भारत से बाहर से ऐसे समाचार सुन कर खुशी होती है. हमारी हिन्दी ऐसे ही फलती फूलती रहे ऐसी कामना है....
जवाब देंहटाएंअखिल तिवारी जी, भारत के बाहर लगभग 450 विश्वविद्यालयों मे हिन्दी पढ़ी जाती हैं। बहुत से विदेशी हिंदी वेब -पत्रिकाएँ भी लॉग-ऑन किये जा सकते हैं।यह विश्व की दूसरी बड़ी भाषा है संख्या-बल के आधार पर। हाँ, मैं आभार व्यक्त करता हूँ अविनाश वाचस्पति जी का कि ऐसे समाचारों को हिदी साहित्य खबरिया चैनल बनकर वे हम तक लाते हैं,वर्ना हम हैं कि अनज़ान ही रह जाएँ।-सुशील कुमार।
जवाब देंहटाएंअबिनाश जी का आभार, साहित्य शिल्पी का भी कि यह खबर हम तक पहुँची।
जवाब देंहटाएंआपने एक महत्वपूर्ण सूचना दी है।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
कार्यक्रम के आयोजकों के साथ साथ कैलाश सत्यार्थी तथा सुरिन्दर कुमार सेठी को भी बधाई। अविनाश जी, आभार इस रिपोर्ट के लिये।
जवाब देंहटाएं***राजीव रंजन प्रसाद
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जवाब देंहटाएंभारत से बाहर हिन्दी से संबद्ध कार्यक्रमों के बारे में पढ़कर खुशी होती है. आभार इस खबर के लिये!
जवाब देंहटाएंप्रशन्सनीय सूचना लेख.. एक दिन हिन्दी विश्व की भाषा बनें यही कामना है...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद।
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.