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प्रेमी बनाम कुत्ते [व्यंग्य] - आलोक पुराणिक

रेडियो से खाकसार को दो काम मिले। एक -कुत्तों के कार्यक्रम पर स्क्रिप्ट लिखनी थी और काम नंबर दो में प्रेमियों पर आधारित एक कार्यक्रम की स्क्रिप्ट भी लिखनी थी। दोनों स्क्रिप्टें अलग-अलग लिखकर दे दी गयीं। किसी बहुत बड़े एक्सपर्ट की कृपा से दोनों मिल गयी। और जो प्रोग्राम प्रसारित हुआ वह इस प्रकार है-
  • कुत्ते कई प्रकार के होते हैं।
  • प्रेमियों को पहले पहचानिये कि उनका प्रकार क्या है।
  • अलग-अलग प्रकार के अलग-अलग बिहैव करते हैं।
  • कुछ पूंछ हिलाते हुई पीछे पड़ जाते हैं।
  • कुछ फोकटी का भाव खाते हैं। 
  • कुछ पहली ही बार में पैर तक चाटने लगते हैं।
  • उन्हे ज्यादा मुंह नहीं लगाना चाहिए, वरना उनमें शालीनता खत्म हो जाती है। मौके-बेमौके बेवजह लिफ्ट लेने लगते हैं।
  • बल्कि मौका देखकर उन्हे किसी वजह या बेवजह डांटना चाहिए।
  • कभी -कभार उनके पिछवाड़े दो चार डंडी जमाने में भी हर्ज नहीं है।
  • अगर आपको उससे कुछ ज्यादा ही प्रेम है, तो थोड़ी उदारता दिखायें और पिछवाड़े दो-चार चप्पलें हल्के से ठोंक कर ही काम चला लें।
  • इससे उनका व्यवहार दुरुस्त बना रहता है।
  • और वे अनावश्यक लिबर्टी नहीं लेते।
  • कुछ महीन तबीयत के होते हैं, बड़े-बड़े बाल होते हैं इनके।
  • इनमें से कुछ को देखकर लगता है कि जैसे क्लासिकल म्यूजिक के शौकीन हैं या आधुनिक कविता के मुरीद हैं।
  • ये महीन थोड़ी सी भी मजबूत एंटी पार्टी को देखते ही मैदान छोड़ भागते हैं, दुम दबाते हुए।
  • ऐसे वाले किसी काम के नहीं होते, बस शो-दारी के होते हैं।
  • कुछ चीखते तक क्लासिकल म्यूजिक में हैं, पर जैसा कि बताया कि ये किसी काम के नहीं ना होते।
  • इन्हे कभी-कभार अपने साथ रख लेने से कोई नुकसान नहीं है। पर इन्हे लांग-टर्म लिफ्ट नहीं दी जा सकती।
  • इनमें कुछ परमानेंट लव मोड में रहते हैं, एकदमै तैयार, तत्पर टाइप।
  • अपोजिट जेंडर को देखते ही पीछे हो लेते हैं। ना मौका देखते ना मुकाम। मौसम, बेमौसम कुछ नहीं सोचना विचारना।
  • अपोजिट जेंडर को ये हमेशा यूं ताकते हैं, मानो भारी बीमार हों, कुछ अटैंशन वसूलना चाहते हों।
  • ऐसे बहुत शर्मसार कराते हैं।
  • उन्हे अपने मित्रों से दूर रखें।
  • और फाइनली, अपने बिस्तर से उन्हे दूर रखना चाहिए, वरना बहुत समस्याएं पैदा हो जाती हैं।

*****

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18 टिप्पणियाँ

  1. बेहतरीन पूरा पढने में हँससे हँसते बुरा हाल हो गया। व्यंग्य और हास्य की बढिया खिचडी।

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  2. बहुत अच्छा व्यंग्य है। मजा आ गया।

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  3. प्रेमी और कुत्ते दोनों की गति एक ही है। अच्छा हास्य व्यंग्यपूर्ण आलेख। आलोक पुराणिक वैसे भी इस विधा के वरदहस्त हैं।

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  4. हा हा हा । आलोक जी ने तो कमाल ही कर दिया। हँसते-हँसते बुरा हाल हो गया। बहुत बढ़िया। इस तरह के लख अधिक लिखे जाने चाहिएँ। जीवन में हास्य से सरसता बनी रहती है। बधाई स्वीकारें।

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  5. व्यंग्य हो तो ऎसा..... आनन्द आ गया। कुत्ते और प्रेमी दोनो को समझ्ने का नया तरीका..

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  6. बेहतरीन प्रस्तुति। हँसे बिना नहीं रहा जा सका।

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  7. व्यंग्य और हास्य ...
    वाह .....वाह....

    बधाई ..

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  8. प्रेमी की गति कुत्ता जाने,
    कुत्ते की गति प्रेमी

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  9. bahut badiya ,

    subhah subhah achi shuruvat ho gayi .

    darasal premi aur kutton ka ye mix up itna acha tha ki bus poocho mat.

    regards

    vijay

    जवाब देंहटाएं
  10. bahut accha vyang
    aap to kamal ka dimag rakhte he
    lekhi pr sarwasti virjman he
    regards

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  11. मजा आ गया..बहुत अच्छा व्यंग्य है ।

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  12. आमलेट बनाने और योगा का मिश्रण करते देखा था एक फ़िल्म में अमिताभ जी को... उसी तरज पर सुन्दर व्यंग्य..

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  13. teri mgali k itne lagaye chakkar
    ikattar bahattar tihattar
    tu to humara na hua jalim
    par hum kutton ke sardar ho gaye

    जवाब देंहटाएं
  14. teri gali k itne lagaye chakkar
    ikattar bahattar tihattar
    k kutte b humare yaar ho gaye
    tu to humara na hua jalim
    par hum kutton ke sardar ho gaye

    जवाब देंहटाएं

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