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डॉ. कुँवर बेचैन के साथ एक शाम [मुलाकात] - साहित्य शिल्पी की विशेष प्रस्तुति

साहित्य शिल्पी समूह बहुत समय से प्रयासरत था कि कुँवर बैचैन जी से समय मिल सके और उनसे उनकी ही बात हो। क्रिसमस की संध्या को जैसे सेंटाक्लाज नें साहित्य शिल्पी की सुन ली थी। जैसे ही हमें डॉ. कुँवर बैचैन से स्वीकृति प्राप्त हुई पूरे दल बल के साथ हम निकल पडे। फरीदाबाद से मोहिन्दर कुमार, राजीव रंजन प्रसाद और अभिषेक सागर तथा दिल्ली से सुनीता चोटिया ‘शानू’ गाजियाबाद डॉ. कुँवर बैचैन के निवास की ओर चल पडे। सायं चार बजे का उन्होने समय दिया था लेकिन अक्षरधाम के निकट पहुँचते ही अप्रत्याशित ट्रैफिक में हम फँस गये। यह तय था कि दिये गये समय पर हम नहीं पहुँच सकते लेकिन हम तब सुखद आश्चर्य से भर गये जब यह जाना कि अपने निजी जीवन में व्यस्त रह कर भी डॉ. बेचैन कितने साधारण और कितने विनम्र थे। उन्होने न केवल फोन पर लगातार हमारा मार्ग दर्शन किया कि हम उनके निवास तक भली प्रकार पहुँच सकें अपितु वे हमारे भटक जाने के कारण बाहर सडक पर खडे हो कर हमारे लिये चिंतित मिले। डॉ. बेचैन तथा उनकी पत्नी नें साहित्य शिल्पी की टीम को पुष्पगुच्छ भेंट किये। 

{ बायें से - श्रीमति व श्री कुँवर बेचैन, मोहिन्दर कुमार, राजीव रंजन प्रसाद, सुंनीता चोटिया 'शानू'} 

डॉ. कुँवर बैचैन से साहित्य शिल्पी की मुलाकात अविस्मरणीय रही।

{ बायें से - राजीव रंजन प्रसाद तथा कुँवर बेचैन} 

लगभग तीन घंटे की इस बैठक में उन्होंने अपने जीवन के संघर्षों, साहित्य और उसकी दथा- दिशा, ग़ज़ल और उसके आयामों तथा अपने रचना संसार पर विस्तृत बातचीत की।
{ बायें से -   मोहिन्दर कुमार, राजीव रंजन प्रसाद,श्री व श्रीमति कुँवर बेचैन  तथा सुंनीता चोटिया 'शानू'} 

डॉ. कुँवर बैचैन नें अपनी कुछ बेहद चर्चित रचनायें तथा ग़ज़लें भी सुनायी। साहित्य शिल्पी डॉ. बेचैन की आवाज में गायी गयी उनकी रचनायें नववर्ष के उपलक्षय में विशेष प्रस्तुति की तरह अपने पाठकों के सम्मुख प्रस्तुत करने जा रहा है।
{ बायें से -   श्रीमति व श्री कुँवर बेचैन, राजीव रंजन प्रसाद,  तथा सुंनीता चोटिया 'शानू'}

साहित्य शिल्पी के पाठकों को थोडी प्रतीक्षा करनी होगी जब हम डॉ. बेचैन के साथ हुई पूरी बातचीत/साक्षात्कार प्रस्तुत करेंगे।
{ बायें से -   श्रीमति व श्री कुँवर बेचैन, राजीव रंजन प्रसाद, अभिषेक सागर  तथा सुंनीता चोटिया 'शानू'}

डॉ. बेचैन नें इंटरनेट को महत्वपूर्ण जरिया बताया जिसके माध्यम से हिन्दी को विश्वव्यापी बनाया जा सकता है। 
{बायें से - कुँवर बेचैन तथा राजीव रंजन प्रसाद} 

साहित्य शिल्पी के बढते कमद और इस में प्रस्तुत होने वाली रचनाओं के स्तर पर उनकी प्रतिक्रिया उत्साहवर्धक थी। उन्होने कहा कि स्थापित रचनाकारों और नये रचनाकारों के बीच की कडी बन कर साहित्य शिल्पी नें एसा मंच निर्मित किया है जिस पर प्रस्तुत होना किसी भी साहित्यकार के लिये हर्ष का विषय है। साहित्य शिल्पी मंच यह घोषणा करते हुए गौरवांवित है कि अब नीयमित रूप से डॉ. कुँवर बैचैन साहित्य शिल्पी मंच पर अपनी रचनायें प्रस्तुत करेंगे।
{डॉ.  कुँवर बेचैन} 

डॉ. बेचैन से एक कवि, शायर से अलग एक कहानीकार, चित्रकार और गायक के रूप में भी परिचित होना अचरजपूर्ण था। साहित्य शिल्पी पर हम डॉ. बेचैन के व्यक्तित्व के इन इस सभी आयामों को समय समय पर प्रस्तुत करते रहेंगे। आईये स्वागर करें साहित्य शिल्पी पर डॉ. कुँवर बेचैन का।
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17 टिप्पणियाँ

  1. नीयमित प्रतीक्षा रहेगी डॉ. बेचैन की साहित्य शिल्पी पर। साहित्य शिल्पी गंभीर मंच है और जिस स्तर के रचनाकार इस मंच पर प्रस्तुत होते हैं वह नेट-वर्ल्ड में अन्यत्र नहीं होते। तस्वीरे अच्छी आयी हैं।

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  2. bhai vaah. is se acchhi baat kya ho sakti hai. Hamari poori team ko badhai

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  3. बधाई साहित्य शिल्पी की पूरी टीक को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिये। कुँवर बेचैन साहब को हम यहाँ पढ सकेंगे यह हर्ष का विषय है।

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  4. साहित्य शिल्पी को इस उपलब्धि के लिए बधाई. उनकी ग़ज़ल सुनने की प्रतीक्षा रहेगी.

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  5. साहित्य शिल्पी वास्तव में साहित्य जनत का नया शिल्प गढ रहा है। डॉ. बेचैन का इस मंच पर हार्दिक अभिनंदन।

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  6. कुँवर बेचैन जी का साहित्य शिल्पी पर स्वागत।

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  7. Congrats. Well done Sahitya shilpi Team.

    Alok Kataria

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  8. डॉ. कुँवर बेचैन जी आपका
    साहित्य शिल्पी पर
    हार्दिक अभिनंदन....


    आभार...

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  9. डॉ.कुंवर बैचैन जी मेरे प्रिय कवि हैं.
    सालों पहले...उनसे मिली थी मैं.. ...उन्होंने हमें एक कविता प्रतियोगिता की तैय्यारी कराई थी..उन्हीं के मार्गदर्शन में हमने प्रथम पुरस्कार भी जीता था...शायद उन्हें यह याद नहीं होगा मगर..मुझे हमेशा याद रहेगा.
    हमेशा ही cool head..और down to earth रहने वाले कुंवर बैचैन जी को मेरा सादर नमस्कार..
    साहित्य शिल्पी ने उनसे मुलाक़ात की और यहाँ विवरण पढ़ कर ऐसा लगा मानो हम भी उन से मिल लिए हैं.
    उनकी टीम को बहुत बहुत बधाई..
    और उनकी कविता और ग़ज़लों का जो नियमित तोहफा साहित्य शिल्पी नए साल में देने जा रहा है ..उसका बेसब्री से इंतज़ार रहेगा.-आभार सहित

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  10. KUNWAR BECHAIN JITNE ACHCHHE KAVI
    HAIN UTNE ACHCHHE INSAAN BHEE.
    GAZAL KO UNHONE BAHUT KUCHH DIYA
    HAI,AVISMARNIY.

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  11. Kunwarjee ko Mumbai me suna hun.

    Ek shudhy shailee ke kaamyaab shayar hain.

    Unkaa ashirvaad paane kee koshish karane me Shahity Shilpi ko anek shubh kamanayen.

    Sahitya ke kshetra ke safal logon ka satkaar karanaa ek mahaan kaary hai.

    yah akrsar ho aisee umeed hai.

    Aapka-
    Avaneesh Tiwaree

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  12. डॉ. कुंवर बेचैन साहेब का साहित्य शिल्पी पर स्वागत है।
    डॉ. साहेब के साक्षात्कार और उनके व्यक्तित्व के विभिन्न आयामों को पढ़ने के लिए हम भी बहुत बेचैन हैं।

    जवाब देंहटाएं
  13. माननीय कुँवर बैचैन जी की कृतियाँ हिन्दी काव्य जगत मेँ सुप्रसिध्ध हैँ
    साहित्य शिल्पी के इस प्रयास को सराहना एवँ बधाई --
    आप सभी को २००९ के आगामी नव -वर्ष की बहुत शुभ कामनाएँ -
    - लावण्या

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  14. अलग-अलग मंचों से कुंवर बेचैन जी को मैँ तीन-चार बार सुन चुका हूँ...उनका जादू ऐसा है कि हर बार उन्हें और सुनने की इच्छा बढती जाती है....

    साहित्य शिल्पी की पूरी टीम का बहुत-बहुत शुक्रिया कि वे हमें कुंवर बेचैन जी की रचनाओं से रुबरू करवाते रहेंगे

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  15. बहुत ही अच्छी प्रस्तुती , साहित्य शिल्पी की टीम और राजीव जी को बधाई .

    विजय
    http://poemsofvijay.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  16. कुँवर बेचैन साहब को साहित्य-शिल्पी पर पाकर हृदय रोमांचित हो गया है।
    पूरी टीम को बधाई।

    -तन्हा

    जवाब देंहटाएं
  17. vechain ji hamare chandausi ka gaurav hai yahi se nikalkar aapne apni rachnao aur sadvyabahar se puri dunia ke sahitya jagat me kirtiman sthapit kia hai aapka jikr bhi kahi ho to man bahi ram jata hai eeshvar aapko nitnayee manjilo tak pahuchaye..........sahitya shilpi ka aabhar ......sandeep'akshat',chandausi

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