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20 टिप्पणियाँ
कोमल कविता है, बहुत पसंद आयी।
जवाब देंहटाएंकविता अगर निर्वैयक्तिक होकर साधारणीकृत हो जाये जिसमें जन की आवाज़ लक्षित किया जा सके तो कहेंगे कि कविता का भविष्य उज्जवल है।तभी तो एकांत श्रीवास्तव अपनी एक कविता में कहते हैं-
जवाब देंहटाएं“वे रास्ते महान हैं जो पत्थरों से भरे हैं
मगर जो हमें सूरजमुखी के खेतों तक ले जाते हैं
वह सांस महान है
जिसमें जनपद की महक है
वह हृदय खरबों गुना महान
जिसमें जनता के दु:ख हैं।”
Vaah! Vaah!! Lavanya jee.
जवाब देंहटाएंAlok Kataria
और न जाने कैसे,
जवाब देंहटाएंबेइन्तहा कलियाँ,
फूल बन के,
मुस्कुराती हैं!
सुन्दर दृश्य उपस्थित करती मन को छू जाने वाली कविता है।
याद का आना और उनसे मन का मुस्कुराना बहुत सुन्दरता से आपके शब्दों से बयान हुआ है। बहुत अच्छी कविता है।
जवाब देंहटाएंऔर न जाने कैसे,
जवाब देंहटाएंबेइन्तहा कलियाँ,
फूल बन के,
मुस्कुराती हैं!
" sunder najuk si bhavnayen.."
regards
ये कलियां ये फ़ूल ये गुलशन यूंही मुस्कराते रहें और हमें बढिया बढिया रचनायें पढने को मिलती रहें.. मन के कोमल भावों का सुन्दर चित्रण
जवाब देंहटाएंkomal bhavnaon ki bhavpoorn abhivyakti....bahut sundar.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचना है... खास कर यह पंक्तिया वाह वाह कहने को आमादा करती हैं
जवाब देंहटाएंबादेसबा इठला के,
कोई धुन,
गुनगुनाती है ~~
और न जाने कैसे,
बेइन्तहा कलियाँ,
फूल बन के,
मुस्कुराती हैं!
URDU MEIN EK SHABD HAI--"AAMAD"
जवाब देंहटाएंYANI BHAV APNE-AAP FOOTNAA.LAVANYA
JEE KEE YE KAVITA BHEE AAMAD KEE
TARAH HAI.
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी कविता है लावण्या जी, याद रह जाये जो...बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंजैसे हल्के से ..
जवाब देंहटाएंमध्धम सी रोशनी में
मेरी ज़िंदगानी,
मुस्काती है -
क्या बात है, वाह!!
बहुत अच्छी कविता है। बध
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी कविता, लेकिन आप के ब्लॉग का कलेवर... माशा अल्लाह!!!
जवाब देंहटाएंकोमल भावनाओं की सुन्दर
जवाब देंहटाएंलावण्य दी, बहुत अच्छा लगा पढ़ कर। सुंदर। सकारात्मक, positive सोच। मुझे भी याद कर के रोने धोने पर ज़्यादा भरोसा नहीं। हाँ ऐसा नहीं कि लिखते नहीं हम ऐसा, मेरा एक पुराना शेर याद आ गया-
जवाब देंहटाएंउसके जाने पर भला रोयें कभी क्यों जो मुझे
ज़िंदगी भर के लिये यादें सुहानी दे गया
--"AAMAD" ( from Pran bhai sahab )
जवाब देंहटाएं“वे रास्ते महान हैं जो पत्थरों से भरे हैं
मगर जो हमें सूरजमुखी के खेतों तक ले जाते हैं
वह सांस महान है
जिसमें जनपद की महक है
वह हृदय खरबों गुना महान
जिसमें जनता के दु:ख हैं।”
( from Sushil ji )
&
उसके जाने पर भला रोयें कभी क्यों जो मुझे
ज़िंदगी भर के लिये यादें सुहानी दे गया
( from Manoshi )
+ many lovely words from every one, i humbly thank each one of you ,
***************************
आप सभी का शुक्रिया
जो इतनी सुँदर
प्रतिक्रिया लिख दीँ :)
स स्नेह,
- लावण्या
bahut khubsurat bole to ek dam dil se
जवाब देंहटाएंबादेसबा इठला के,
जवाब देंहटाएंकोई धुन,
गुनगुनाती है ~~
और न जाने कैसे,
बेइन्तहा कलियाँ,
फूल बन के,
मुस्कुराती हैं!
मन के भावों को दर्शाती सुंदर कविता
आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.