HeaderLarge

नवीनतम रचनाएं

6/recent/ticker-posts

फिल्म समीक्षक [सप्ताह का कार्टून] - अभिषेक तिवारी

एक टिप्पणी भेजें

9 टिप्पणियाँ

  1. मजे आ गए |
    गोबर लगा जूता दे मारा है |
    मरते रहें ये इसी लायक हैं |

    जवाब देंहटाएं
  2. समीक्षक की समीक्षा कर दी आपनें।

    जवाब देंहटाएं
  3. जी बहुत खूब... आजकल एडवर्टाईजमेंट का जमाना है मगर वो भी कहां सस्ती है... सब कुछ बिकता है मगर दाम अलग अलग हैं..

    जवाब देंहटाएं
  4. kya baat hai guruji , maza aa gaya . dekh kar hi hamne netao ko juta maar diya hai

    aapko bahut badhai ..

    vijay
    poemsofvijay.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं

आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.

आइये कारवां बनायें...

~~~ साहित्य शिल्पी का पुस्तकालय निरंतर समृद्ध हो रहा है। इन्हें आप हमारी साईट से सीधे डाउनलोड कर के पढ सकते हैं ~~~~~~~

डाउनलोड करने के लिए चित्र पर क्लिक करें...