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यही है दर्द मेरा, लोग मुझको कब समझते हैं [ग़ज़ल] - दीपक गुप्ता

यही है दर्द मेरा, लोग मुझको कब समझते हैं
मैं शातिर हूँ नहीं इतना कि, जितना सब समझते हैं

ज़माने को समझने में हमारी उम्र गुजरी है
मियां, हम आपकी हर बात का मतलब समझते हैं

जमूरा भूख् से जब पेट पकड़े छ्ट्पटाता है
अजब हैं लोग उसको भी महज करतब समझते हैं

तुम्हारी हर अदा जैसे कि मुझसे बात करती है
तुम्हारी आँख की बोली को मेरे लब समझते है

यकीं मानो न मानो तुमसे ही किस्मत हमारी है
खुदा भी जानता है हम तुम्हें ही रब समझते हैं
*****

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17 टिप्पणियाँ

  1. जमूरा भूख् से जब पेट पकड़े छ्ट्पटाता है
    अजब हैं लोग उसको भी महज करतब समझते हैं

    बहुत अच्छी गज़ल। अच्छे भाव।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत अच्छे दीपक जी, जमे रहिये। हर शेर अच्छा है।

    जवाब देंहटाएं
  3. जमूरा भूख् से जब पेट पकड़े छ्ट्पटाता है
    अजब हैं लोग उसको भी महज करतब समझते हैं


    aapki baat hi nirali hai
    aapki kya tarif ki jaaye
    aapka kahan aapka bolne ka andaaj aur aapki soch aapko visisth banati hai

    ye sher khas kar bhaut pasand aaya
    ismain duniya ki fitrat saaf dikhayi padti hai

    जवाब देंहटाएं
  4. यही है दर्द मेरा, लोग मुझको कब समझते हैं
    मैं शातिर हूँ नहीं इतना कि, जितना सब समझते हैं

    जमूरा भूख् से जब पेट पकड़े छ्ट्पटाता है
    अजब हैं लोग उसको भी महज करतब समझते हैं

    अच्छी गज़ल।

    जवाब देंहटाएं
  5. एक बहुत बढ़िया ग़ज़ल ! एक एक शे'र प्रभावित करता है। बधाई !

    जवाब देंहटाएं
  6. तुम्हारी हर अदा जैसे कि मुझसे बात करती है
    तुम्हारी आँख की बोली को मेरे लब समझते है
    sundar ghazal.

    जवाब देंहटाएं
  7. तुम्हारी हर अदा जैसे कि मुझसे बात करती है
    तुम्हारी आँख की बोली को मेरे लब समझते है
    "इस शेर ने कुछ ख़ास प्रभावित किया सुंदर..."

    Regards

    जवाब देंहटाएं
  8. यकीं मानो न मानो तुमसे ही किस्मत हमारी है
    खुदा भी जानता है हम तुम्हें ही रब समझते हैं


    --वाह!! वाह! भव्य शेर कहा है जनाब!!

    जवाब देंहटाएं
  9. जमूरा भूख् से जब पेट पकड़े छ्ट्पटाता है
    अजब हैं लोग उसको भी महज करतब समझते हैं

    यह शेर बढिया लगा।
    बधाई स्वीकारें।

    -विश्व दीपक

    जवाब देंहटाएं
  10. कब नहीं कम कहें
    यही है दर्द मेरा कि लोग मुझे कम समझते हैं
    हा हा हा हा

    जवाब देंहटाएं
  11. जमूरा भूख् से जब पेट पकड़े छ्ट्पटाता है
    अजब हैं लोग उसको भी महज करतब समझते हैं

    बढिया गज़ल....उम्दा शेर

    जवाब देंहटाएं
  12. खूबसूरत ग़ज़ल ।
    जमूरे के करतब ने दिल छू लिया।

    प्रवीण पंडित

    जवाब देंहटाएं

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