
आपकी प्रमुख रचनाएँ हैं 'दर्द दिया', 'प्राण गीत', 'आसावरी', 'बादर बरस गयो', 'दो गीत', 'नदी किनारे', 'नीरज की गीतिकाएँ', संघर्ष, विभावरी, नीरज की पाती, लहर पुकारे, मुक्तक, गीत भी अगीत भी इत्यादि। आज नीरज जी के जन्मदिवस पर प्रस्तुत है देवेश वशिष्ठ ‘खबरी’ की नीरज से बातचीत (साहित्य शिल्पी पर पूर्व प्रकाशित) का ऑडियो, सुनने के लिये कृपया प्लेयर पर चटखा लगायें:
साथ ही सुनें नीरज की आवाज में काव्यपाठ
इस गीत को एक फिल्म के लिये स्वर्गीय रफ़ी साहब ने भी गाया था। आइये उनकी आवाज़ में भी ये गीत सुनते चलें:-
पाठकों की सुविधा के लिये नीरज जी के स्वर में उपर दिये गये प्लेयर में गायी गये गीत की पंक्तियाँ भी हम प्रस्तुत कर रहे हैं:-
कारवाँ गुज़र गया गुबार देखते रहे।
स्वप्न झरे फूल से, मीत चुभे शूल से
लुट गये सिंगार सभी बाग़ के बबूल से
और हम खड़े-खड़े बहार देखते रहे।
कारवाँ गुज़र गया गुबार देखते रहे।
नींद भी खुली न थी कि हाय धूप ढल गई
पाँव जब तलक उठे कि ज़िन्दगी फिसल गई
पात-पात झर गये कि शाख़-शाख़ जल गई
चाह तो निकल सकी न पर उमर निकल गई
गीत अश्क बन गए छंद हो दफन गए
साथ के सभी दिऐ धुआँ पहन पहन गये
और हम झुके-झुके मोड़ पर रुके-रुके
उम्र के चढ़ाव का उतार देखते रहे।
कारवाँ गुज़र गया गुबार देखते रहे।
क्या शबाब था कि फूल-फूल प्यार कर उठा
क्या जमाल था कि देख आइना मचल उठा
इस तरफ़ जमीन और आसमाँ उधर उठा
थाम कर जिगर उठा कि जो मिला नज़र उठा
एक दिन मगर यहाँ ऐसी कुछ हवा चली
लुट गयी कली-कली कि घुट गयी गली-गली
और हम लुटे-लुटे वक्त से पिटे-पिटे
साँस की शराब का खुमार देखते रहे।
कारवाँ गुज़र गया गुबार देखते रहे।
हाथ थे मिले कि जुल्फ चाँद की सँवार दूँ
होठ थे खुले कि हर बहार को पुकार दूँ
दर्द था दिया गया कि हर दुखी को प्यार दूँ
और साँस यूँ कि स्वर्ग भूमी पर उतार दूँ
हो सका न कुछ मगर शाम बन गई सहर
वह उठी लहर कि ढह गये किले बिखरबिखर
और हम डरे-डरे नीर नयन में भरे
ओढ़कर कफ़न पड़े मज़ार देखते रहे।
कारवाँ गुज़र गया गुबार देखते रहे।
माँग भर चली कि एक जब नई नई किरन
ढोलकें धुमुक उठीं ठुमक उठे चरन-चरन
शोर मच गया कि लो चली दुल्हन चली दुल्हन
गाँव सब उमड़ पड़ा बहक उठे नयन-नयन
पर तभी ज़हर भरी गाज एक वह गिरी
पुँछ गया सिंदूर तार-तार हुई चूनरी
और हम अजान से दूर के मकान से
पालकी लिये हुए कहार देखते रहे।
कारवाँ गुज़र गया गुबार देखते रहे।
साहित्य शिल्पी परिवार नीरज जी को शुभकामनायें देता है। हम आपकी लम्बी उम्र व स्वास्थ्य की कामना करते हैं।
देवेश वशिष्ठ उर्फ खबरी का जन्म आगरा में 6 अगस्त 1985 को हुआ। लम्बे समय से लेखन व पत्रकारिता के क्षेत्र से जुडे रहे हैं। आपने भोपाल के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रिकारिता विश्वविद्यालय से मॉस कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन की और फिर देहरादून में स्वास्थ्य महानिदेशालय के लिए डॉक्यूमेंट्री फिल्में बनाने लगे। दिल्ली में कई प्रोडक्शन हाऊसों में कैमरामैन, वीडियो एडिटर और कंटेन्ट राइटर की नौकरी करते हुए आपने लाइव इंडिया चैनल में असिस्टेंट प्रड्यूसर के तौर पर काम किया। बाद में आप इंडिया न्यूज में प्रड्यूसर हो गय्रे। आपने तहलका की हिंदी मैगजीन में सीनियर कॉपी एडिटर का काम भी किया है। वर्तमान में आप पत्रकारिता व स्वतंत्र लेखन कर रहे हैं।
24 टिप्पणियाँ
नीरज जी को उनके जन्मदिवस पर हार्दिक शुभ कामनाएँ
जवाब देंहटाएंइस महान कवि को जन्म दिन की बधाई और आपको शुक्रिया !
जवाब देंहटाएंमहाकवि नीरज को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंMy wishes to neeraj jee. Thanks for this presentation.
जवाब देंहटाएंAlok Kataria
नीरज जी हिन्दी के वे मूर्धन्य हैं जिनकी उपस्थिति भर से साहित्य जगत स्वयं को समृद्ध महसूस करता है। नीरज को प्रणाम व जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंनीरज जी को जन्मदिवस की शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंइस महान कवि को नमन और जन्मदिन की शुभकामनाएं। नीरज जी के जन्मदिन पर यह आलेख देने के लिए "साहित्य शिल्पी" को भी बधाई !
जवाब देंहटाएंनीरज को नमन। आपकी दीर्घायु व स्वास्थ्य की कामना के साथ आपको जन्मदिवस की कोटिश: बधाई।
जवाब देंहटाएंमहान कवि नीरज जी को उनके जन्मदिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ.यह आलेख देने के लिए "साहित्य शिल्पी" को शुक्रिया !!!
जवाब देंहटाएंमहाकवि नीरज को जन्मदिवस की शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंनीरज जी से मेरा परिचय इसी गीत से हुआ था। उन्हे मेरा प्रणाम। हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंअनुज कुमार सिन्हा
भागलपुर
aadarniya neeraj ji ek mahaan kavi hai ...
जवाब देंहटाएंabhi ,kal main "sharmilee'film ka geet sun raha tha , "o meri sharmilee" ..
unke lekhan ko salaam...aur unhe mera pranaam..
mere pariwaar aur sahitya shilpi pariwaar ki oor se unhe janmdin ki shubkaamnaayen ..
vijay
hyderabad
हिन्दी साहित्य में नीरज जी का एक विशेष स्थान है।उनकी रचनाएँ पाठकों में हौसला एवं उद्देश्य भरती हैं। ऎसे मूर्धन्य साहित्यकार को जन्म-दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंनीरज जी पर आलेख प्रस्तुत करने के लिए पूरी साहित्य-शिल्पी टीम, विशेषकर खबरी जी, का शुक्रिया।
-विश्व दीपक
नीरज के बिना हिन्दी साहित्यकाश की कल्पना भी संभव नहीं। नीरज और नीरज के गीत अमर हैं। हिन्दी की वीणा को जन्मदिवस की शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंमहाकवि नीरज को जन्मदिवस की हार्दिक और आपको शुक्रिया !
जवाब देंहटाएंमहाकवि नीरज
जवाब देंहटाएंकिशोर अवस्था से शाहजहांपुर में उन दिनों रामलीला के समय होने वाले अखिल भारतीय कवि सम्मेलन से आपको सुनता पढ़ता आया हूँ. आज के रचना संसार में आप प्रतिपल हमारे प्रेरणा स्रोत हैं. आपके जन्म दिवस पर मेरा शत शत नमन और साहित्यशिल्पी परिवार का साधुवाद.
सादर
श्रीकान्त मिश्र 'कान्त'
नीरज जी को पढ़ना और सुनना हमेशा ही सुखद रहा है। वे अपने काव्य से आनन्द रस की वर्षा करते रहें यही कामना है।
जवाब देंहटाएंमहाकवि नीरज को पढ़ना और सुनना किसी सुखद अहसास से कम नहीं है। यह हमारा सौभाग्य है कि वह हमारे समय में वर्तमान हैं।
जवाब देंहटाएंहिन्दी की वीणा को उनके जन्मदिवस पर कोटिश: नमन और हार्दिक शुभकामनाये!
KAVIVAR GOPALDAS NEERAJ KO UNKE
जवाब देंहटाएंJANMDIVAS KE SHUBH AVSAR PAR
NAANAA BADHAAEEAN.
नीरज जी का ये गीत १९६५ की फिल्म ’नई उमर की नई फसल’ के लिये स्वर्गीय रफ़ी साहब ने गाया था। आज इसे नीरज जी के स्वर में सुनना भी बहुत अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंआदरणीय नीरज जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें!
नीरज जी को उनके जन्मदिवस पर शुभकामनाएं तथा उनके दीर्घायु होने की कामना के साथ.
जवाब देंहटाएंमहा कवि नीरज जी को नमन ....
जवाब देंहटाएंऔर ....
जन्मदिवस की
हार्दिक शुभ कामनाएँ...
Is sadi ke Maha Kavi ko Janam din par sat sat naman.
जवाब देंहटाएंYou are not a person to be forgotten, you always remain a nice cheap in my heart corner.
Is sadi ke mahantam kavi to janam divas par bahut bahut badhaian.
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.