वरिष्ठ कवि श्री महेन्द्र भटनागर के गीत व कवितायें स्वर शिल्पी पर आप पहले भी सुनते रहे हैं। इसी क्रम में आज प्रस्तुत है एक गीत; बोल हैं:
याद रह रह आ रही है, रात बीती जा रही है
ज़िंदगी के आज इस सुनसान में
जागता हूँ मैं तुम्हारे ध्यान में
सृष्टि सारी सो गई है, भूमि लोरी गा रही है
झूमते हैं चित्र नैनों में कई
गत तुम्हारी बात हर लगती नई
आज तो गुज़रे दिनों की बेरुखी भी भा रही है
बह रहे हैं हम समय की धार में
प्राण रखना पर भरोसा प्यार में
कल खिलेगी उर-लता जो किस कदर मुरझा रही है
तो आइये सुनते प्रियतम की सुधियों में डूबा हुआ कुमार आदिन्य विक्रम का संगीतबद्ध व गाया हुआ यह गीत (गीत सुनने के लिये नीचे दिये गये प्लेयर में चटखा लगायें):
महेन्द्र भटनागर जी वरिष्ठ रचनाकार है जिनका हिन्दी व अंग्रेजी साहित्य पर समान दखल है। सन् 1941 से आरंभ आपकी रचनाशीलता आज भी अनवरत जारी है। आपकी प्रथम प्रकाशित कविता 'हुंकार' है; जो 'विशाल भारत' (कलकत्ता) के मार्च 1944 के अंक में प्रकाशित हुई। आप सन् 1946 से प्रगतिवादी काव्यान्दोलन से सक्रिय रूप से सम्बद्ध रहे हैं तथा प्रगतिशील हिन्दी कविता के द्वितीय उत्थान के चर्चित हस्ताक्षर माने जाते हैं। समाजार्थिक यथार्थ के अतिरिक्त आपके अन्य प्रमुख काव्य-विषय प्रेम, प्रकृति, व जीवन-दर्शन रहे हैं। आपने छंदबद्ध और मुक्त-छंद दोनों में काव्य-सॄष्टि की है। आपका अधिकांश साहित्य 'महेंद्र भटनागर-समग्र' के छह-खंडों में एवं काव्य-सृष्टि 'महेंद्रभटनागर की कविता-गंगा' के तीन खंडों में प्रकाशित है। अंतर्जाल पर भी आप सक्रिय हैं।
12 टिप्पणियाँ
Good Composition
जवाब देंहटाएंAlok Kataria
बहुत सुँदर गीत और उतना ही अच्छा सँगीत!
जवाब देंहटाएंकाव्य की दृष्टि से महेन्द्र जी के अच्छी रचना है जिसे आदित्य जी नें अपने स्वर से सजा दिया है।
जवाब देंहटाएंबह रहे हैं हम समय की धार में
जवाब देंहटाएंप्राण रखना पर भरोसा प्यार में
कल खिलेगी उर-लता जो किस कदर मुरझा रही है
niji rup se ye panktiya bahut achhi lagi
बह रहे हैं हम समय की धार में
जवाब देंहटाएंप्राण रखना पर भरोसा प्यार में
कल खिलेगी उर-लता जो किस कदर मुरझा रही है
बहुत अच्छा लगा। कई बार सुना सुबह से।
सुरवद्ध सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंआदित्य जी के गाये कई गीत साहित्य शिल्पी पर है उनमें यह सबसे अच्छा लगा। वे बहुत अच्छे गायक हैं। आवाज में गहरायी व मधुरता है।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गीत!
जवाब देंहटाएंअच्छा गीत सुनवाया।
मन को शांति देने वाला गीत है। बहुत अच्छा लगा इसे सुनना।
जवाब देंहटाएंआनंद आ गया
जवाब देंहटाएंगज़ल तो सुन्दर है ही , उसकी प्रस्तुति भी प्रभावी है।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर गीत और उतना ही सुंदर संगीत-संयोजन। बधाई स्वीकारें!
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.