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निभाई है यहाँ हमने मुहव्बत भी सलीके से [ग़ज़ल] - सतपाल ख़्याल

साहित्य शिल्पीनिभाई है यहाँ हमने मुहव्बत भी सलीके से
दिए जो रंज़ो-ग़म इसने लगाए हमने सीने से

हमेशा ज़िंदगी जी है यहाँ औरों की शर्तों पर
मिले मौका अगर फिर से जिऊँ अपने तरीके से

न की तदबीर ही कोई , न थी तकदीर कुछ जिनकी
सवालों और ख्यालों मे मिले हैं अब वो उलझे से.

जो टूटे शाख से यारो अभी पत्ते हरे हैं वो
यकीं कुछ देर से होगा नही अब दिन वो पहले से

घरों से उबकर अब लोग मैखाने मे आ बैठे
सजी हैं महफिलें देखो यहां कितेने क़रीने से

"ख्याल" अपनी ही करता है कहाँ वो मेरी सुनता है
नज़र आते हैं उसके तो मुझे तेवर ही बदले से


रचनाकार परिचय:-


सतपाल ख्याल [सतपाल ख्याल ग़ज़ल विधा को समर्पित हैं। 

आप निरंतर पत्र-पत्रिकाओं मे प्रकाशित होते रहते हैं। आप सहित्य शिल्पी पर ग़ज़ल शिल्प और संरचना स्तंभ से भी जुडे हुए हैं तथा ग़ज़ल पर केन्द्रित एक ब्लाग http://aajkeeghazal.blogspot.com/ का संचालन भी कर रहे हैं। आपका एक ग़ज़ल संग्रह प्रकाशनाधीन है। अंतर्जाप पर आप सक्रिय हैं।]

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26 टिप्पणियाँ

  1. न की तदबीर ही कोई , न थी तकदीर कुछ जिनकी
    सवालों और ख्यालों मे मिले हैं अब वो उलझे से.

    अच्छी है सतपाल जी।

    जवाब देंहटाएं
  2. Satpal SaHeb!
    Namaste!
    is dilkash ghazal ke liye mubaarak-baad qabool keejiye! sabhee sher umdaa haiN.
    हमेशा ज़िंदगी जी है यहाँ औरों की शर्तों पर
    मिले मौका अगर फिर से जिऊँ अपने तरीके से

    doosre misre ke liye meree do kauRee kee tajweez bhee pesh kar rahaa huN, jo yakeenan aapse behtar naheeN hai.

    hameshaa zindagee jee hai, yahaN auroN kee shartoN par,
    magar sochaa hai ab aagey, jiuuN apne tareeke se!

    ek baar punah daad qabool keejiye!

    Dheeraj Ameta "Dheer"

    जवाब देंहटाएं
  3. हमेशा ज़िंदगी जी है यहाँ औरों की शर्तों पर
    मिले मौका अगर फिर से जिऊँ अपने तरीके से

    बस इसी फेर में बेचारा मनुष्य हमेशा रहता है और यह मौका उसे कभी मिलता नहीं है.

    जवाब देंहटाएं
  4. धीर जी काश! सोचने से ये मसला हल हो जाता इसके लिए तो बहुत पीछे जाना पड़ेगा और यह मुमकिन नहीं, अब तो चाहकर भी अपने तरीके से नही चल सकते, हो सकता है आपके हाथ से ये मौका अभी न छूटा हो .इसलिए आपका नज़रिया जुदा है .

    हुई मुद्दत के गा़लिब मर गया अब याद आता है
    वो हर इक बात पे कहना कि यूँ होता तो क्या होता.

    जवाब देंहटाएं
  5. maashaallah!
    sher khoob yaad dilaayaa! par abhee aapkee um'r hee kya huee hai. aur phir hamaaree duaaeN bhee aapke saath haiN.

    जवाब देंहटाएं
  6. हर एक शेर से ज़ाहिर है इसके सोज़े दुरूँ
    ग़ज़ल ख़याल की दिल मेँ उतर गई मरे
    अहमद अली बर्क़ी आज़मी

    जवाब देंहटाएं
  7. Satpal jee kee gazal padhee hai,
    achchhee lagee hai.kaee ashaar
    dil ko chhoote hain.Badhaaee.

    जवाब देंहटाएं
  8. वाह बहुत सुन्दर गज़ल लिखी है।

    जवाब देंहटाएं
  9. Mai shree Pran ji ka shukrguzar hooN.inke do shabdoN se hamara hausla asmaan CHoone lagta hai.

    जवाब देंहटाएं
  10. जनाबे "ख़याल" साहिब की ग़ज़ल देखी
    दिल ख़ुश हो गया ख़ास तौर पर यह
    शएर दिल में उतर गया
    "ख्याल" अपनी ही करता है कहाँ वो मेरी सुनता है
    नज़र आते हैं उसके तो मुझे तेवर ही बदले से
    लिखते रहें और कामयाबी आपका माथा चूमें
    आदाब

    चाँद शुक्ला हदियाबादी

    जवाब देंहटाएं
  11. shree chaand shukla ji ka shukrguzar hoon. Kissee shayar aur paarkhee ki rai aur tareef mere liye bahut mAne rakhtee hai.

    जवाब देंहटाएं
  12. सतपाल जी,

    बहुत उम्दा शेरो से सजी गजल है.

    हमेशा ज़िंदगी जी है यहाँ औरों की शर्तों पर
    मिले मौका अगर फिर से जिऊँ अपने तरीके से


    जो टूटे शाख से यारो अभी पत्ते हरे हैं वो
    यकीं कुछ देर से होगा नही अब दिन वो पहले से

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत अच्छी ग़ज़ल है। खास अर यह शेर

    जो टूटे शाख से यारो अभी पत्ते हरे हैं वो
    यकीं कुछ देर से होगा नही अब दिन वो पहले से

    जवाब देंहटाएं
  14. हमेशा ज़िंदगी जी है यहाँ औरों की शर्तों पर
    मिले मौका अगर फिर से जिऊँ अपने तरीके से

    जो टूटे शाख से यारो अभी पत्ते हरे हैं वो
    यकीं कुछ देर से होगा नही अब दिन वो पहले से

    वाह, बहुत अच्छी ग़ज़ल।

    जवाब देंहटाएं
  15. प्रिय सतपाल की खूबसूरत ग़ज़ल के लिए
    आभार!


    हमेशा ज़िंदगी जी है यहाँ औरों की शर्तों पर
    मिले मौका अगर फिर से जिऊँ अपने तरीके से

    "ख्याल" अपनी ही करता है कहाँ वो मेरी सुनता है
    नज़र आते हैं उसके तो मुझे तेवर ही बदले से

    वाह वाह
    वैसे तो हर शेर मुकम्मल है.

    जवाब देंहटाएं
  16. श्री द्विज जी का मै रिणी हूँ आज जो कुछ भी हूँ उनकी वजह से हूँ शे’र कहने का हुनर उनसे ही हासिल हुआ है. मेरे गुरु है श्री द्विज जी.

    जवाब देंहटाएं
  17. हमेशा ज़िंदगी जी है यहाँ औरों की शर्तों पर
    मिले मौका अगर फिर से जिऊँ अपने तरीके से


    जो टूटे शाख से यारो अभी पत्ते हरे हैं वो
    यकीं कुछ देर से होगा नही अब दिन वो पहले से



    बहुत सुन्दर गज़ल.....

    सतपाल जी।
    आभार!

    जवाब देंहटाएं
  18. हमेशा ज़िंदगी जी है यहाँ औरों की शर्तों पर
    मिले मौका अगर फिर से जिऊँ अपने तरीके से

    "ख्याल" अपनी ही करता है कहाँ वो मेरी सुनता है
    नज़र आते हैं उसके तो मुझे तेवर ही बदले से

    बहुत बढिया....

    जवाब देंहटाएं
  19. सतपाल जी ....क्या कहूं सर,उफ़्फ़्फ़ हर एक शेर तो बस----आपके,आपकी बातों के और आपके इस गज़ल कहने के अंदाज़ के तो हम कब से फैन बने बैठे हैं। इस शेर ने तो "जो टूटे शाख से यारो अभी पत्ते हरे हैं वो/यकीं कुछ देर से होगा नही अब दिन वो पहले से" ...बस वाह-वाह किये जा रहा हूँ और "हमेशा ज़िंदगी जी है..." वाली की तारेफ तो सब कर ही चुके हैं।
    आपकी गज़ल-संग्रह के छपने का बेसब्री से इंतजार है...
    साहित्य-शिल्पी के शुक्रगुजार है हमलोग...

    जवाब देंहटाएं
  20. बेहतरीन ग़ज़ल... हमेशा की तरह... वाह.. सतपाल जी, वाह..

    जवाब देंहटाएं
  21. हमेशा ज़िंदगी जी है यहाँ औरों की शर्तों पर
    मिले मौका अगर फिर से जिऊँ अपने तरीके से
    " वाह क्या बता कही है.......ये शेर लाजवाब कर गया......."

    Regards

    जवाब देंहटाएं
  22. जो टूटे शाख से यारो अभी पत्ते हरे हैं वो
    यकीं कुछ देर से होगा नही अब दिन वो पहले से


    wah bahut khoob

    हमेशा ज़िंदगी जी है यहाँ औरों की शर्तों पर
    मिले मौका अगर फिर से जिऊँ अपने तरीके से

    ye bhaut bhaut achha laga

    जवाब देंहटाएं
  23. Bhai Satpal ji
    Bahut sunder ghazal hai, khaskar yah sher-
    'hamesha zindagi ji hai yahan auron ki sharton par,
    mile mauka agar fir se jioon apane tarike se.'
    Isi khayal ka ek sher meri bhi ek ghazal ka hai,
    'resham ke sapanon men kho jaane ka man karata,
    ek baar zindagi doharaane ka man karata.'
    bahut bahut badhai bhai satpal ji.

    जवाब देंहटाएं
  24. हमेशा ज़िंदगी जी है यहाँ औरों की शर्तों पर
    मिले मौका अगर फिर से जिऊँ अपने तरीके से


    bahut achhi panktiya
    puri rcahna shabdo bhavo ki drishti se bahut bahut achhi hain mujhe to lagi

    जवाब देंहटाएं

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