HeaderLarge

नवीनतम रचनाएं

6/recent/ticker-posts

रख जेब में दुनियादारी क्या [ग़ज़ल] - श्रद्धा जैन

Photobucket

कवि परिचय:-
श्रद्धा जैन अंतर्जाल पर सक्रिय हैं तथा ग़ज़ल विधा में महत्वपूर्ण दख़ल रखती हैं।

आप शायर फैमिली डॉट् क़ॉम का संचालन भी कर रहीं हैं व इस माध्यम से देश-विदेश के स्थापित व नवीन शायरों एवं कवियों को आपने मंच प्रदान किया है। वर्तमान में आप सिंगापुर में अवस्थित हैं व एक अंतर्राष्ट्रीय विद्यालय में हिन्दी सेवा में रत हैं।


अच्छी है यही खुद्दारी क्या
रख जेब में दुनियादारी क्या

जो दर्द छुपा के हंस दे हम
अश्कों से हुई गद्दारी क्या

हंस के जो मिलो सोचे दुनिया
मतलब है, छुपाया भारी क्या

वे देह के भूखे क्या जाने
ये प्यार वफ़ा दिलदारी क्या

बातें तो कहे सच्ची "श्रद्धा"
वे सोचे मीठी खारी क्या
------
समर्पण:-
यह ग़ज़ल आदरणीय प्राण शर्मा जी के दिशानिर्देश में पूर्ण हुई। उनके मार्गदर्शन का आभार - श्रद्धा जैन
------- 

एक टिप्पणी भेजें

36 टिप्पणियाँ

  1. हंस के जो मिलो सोचे दुनिया
    मतलब है, छुपाया भारी क्या

    बहुत खूब।

    जवाब देंहटाएं
  2. जो दर्द छुपा के हंस दे हम
    अश्कों से हुई गद्दारी क्या

    वे देह के भूखे क्या जाने
    ये प्यार वफ़ा दिलदारी क्या

    बेहद अच्छी ग़ज़ल, बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  3. जो दर्द छुपा के हंस दे हम
    अश्कों से हुई गद्दारी क्या

    क्या बात है। अति सुंदर......

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत खूब लिखा.. जो लाग लपेट के बोलते हैं वो सच नहीं बोलते..

    जो मित्र हैं वह सच ही बोलते हैं चाहे किसी को खारी या कडवी लगे... छोटे बहर की सुन्दर गजल के लिये बधाई

    जवाब देंहटाएं
  5. बातें तो कहे सच्ची "श्रद्धा"
    वे सोचे मीठी खारी क्या

    सुन्दर अभिव्यक्ति।

    जवाब देंहटाएं
  6. श्रद्धा जी आप की ग़ज़्ल विधा पर अच्छी पकड है साथ ही आपने इस विधा को अंतर्जाल पर स्थान दिलाने के लिये भी महत्वपूर्ण कार्य किया है। आपकी सीखने और सीखते रहने की ललक प्रसंशनीय है। बहुत अच्छी ग़ज़ल के लिये मेरी बधाई स्वीकारें।

    जवाब देंहटाएं
  7. जो दर्द छुपा के हंस दे हम
    अश्कों से हुई गद्दारी क्या

    हंस के जो मिलो सोचे दुनिया
    मतलब है, छुपाया भारी क्या
    बहुत अच्छे शेर हैं।

    जवाब देंहटाएं
  8. जो दर्द छुपा के हंस दे हम
    अश्कों से हुई गद्दारी क्या

    बहुत सुंदर लिखा है आपने श्रद्धा

    जवाब देंहटाएं
  9. हर शेर दाद के योग्य है।

    जो दर्द छुपा के हंस दे हम
    अश्कों से हुई गद्दारी क्या

    अनुज कुमार सिन्हा

    भागलपुर

    जवाब देंहटाएं
  10. हर शेर अच्छा बन पढा है। आप बहुत अच्छी शायरा हैं।

    जवाब देंहटाएं
  11. bahut khub shraddha jee,
    har sher bahut khoob hai

    daad kabul kare

    जवाब देंहटाएं
  12. हंस के जो मिलो सोचे दुनिया
    मतलब है, छुपाया भारी क्या

    वे देह के भूखे क्या जाने
    ये प्यार वफ़ा दिलदारी क्या

    Bahut behtar.

    जवाब देंहटाएं
  13. hi
    bahut badhiya
    वे देह के भूखे क्या जाने
    ये प्यार वफ़ा दिलदारी क्या
    wah wah kya baat he

    जवाब देंहटाएं
  14. SHRADDHA JAIN JEE MEIN PRATIBHA
    HAI.GAZAL KHOOB KAHTEE HAIN.AAGE
    BAHUT AAGE JAYENGEE PARVEEN SHAAQIR
    KEE TARAH BASHARTE VE YUN HEE LIKHTEE AUR KAHTEE RAHIN.IS GAZAL
    KAA HAR SHER PYAARAA HAI.BADHAAEE

    जवाब देंहटाएं
  15. bahut heee achee likhee hai ye agzal bahut emhanat aur bahut man dikhlayee de rahe hain

    जवाब देंहटाएं
  16. वे देह के भूखे क्या जाने
    ये प्यार वफ़ा दिलदारी क्या

    bahut hi acha likha hai aapne
    dil ko chhu gaya

    जवाब देंहटाएं
  17. वाह क्या बात है। बहुत खूब।

    जो दर्द छुपा के हंस दे हम
    अश्कों से हुई गद्दारी क्या

    जवाब देंहटाएं
  18. वो देह के भुखे क्या जाने
    है प्यार वफ़ा दिलदारी क्या ..

    बहोत ही प्यारी ग़ज़ल है श्रधा ही ,आप ख़ुद में ही एक मुक्कमल गज़लकारा है,ऊपर से श्रेष्ठ प्राण शर्मा जी का आशीर्वाद फ़िर क्या कहने ... ढेरो बधाई कुबूल करें ....


    अर्श

    जवाब देंहटाएं
  19. सुस्वागतम हसना दरद मे ही चाहिये वर्ना हसी चैनल से प्रायोजित जैसी लगती है :)

    जवाब देंहटाएं
  20. जो दर्द छुपा के हंस दे हम
    अश्कों से हुई गद्दारी क्या

    वाह श्रधा जी वाह....लाजवाब शेर है...पूरी की पूरी ग़ज़ल की असर दार है...प्राण शर्मा जी तो पारस हैं, जिनके छूने मात्र से ही लोहा सोने में परिवर्तित हो जाता है...ये मेरा व्यक्तिगत अनुभव है...आप भाग्यशाली हैं जो आपको उनसे मार्ग दर्शन मिला.
    नीरज

    जवाब देंहटाएं
  21. bahut hi achhi rachna
    itni sahaj abhivyakti dil chhuti hain sach me
    bahut achhi lagi

    जवाब देंहटाएं
  22. जो दर्द छुपा के हंस दे हम
    अश्कों से हुई गद्दारी क्या


    निहायत उम्दा अभिव्यक्ति......

    जवाब देंहटाएं
  23. ek sundar ghazal ke liye meree or se Dher saaree badhaayii!!

    -dheer

    जवाब देंहटाएं
  24. जो दर्द छुपा के हंस दे हम
    अश्कों से हुई गद्दारी क्या

    बहुत खूब...

    सुंदर ....

    बधाई स्वीकारें..

    जवाब देंहटाएं
  25. खूबसूरत ग़ज़ल..........
    महकती हुयी, छलकती हुयी

    जवाब देंहटाएं
  26. shaddha ji aapka niymit pathak hun aap ani lekhni se niymit taro-taaza karaati hain aaka aabhaar jo aake lkhan k jaadu s main bhigya hun....
    yun hi padhate rahuye....shubhkaamnaayen

    जवाब देंहटाएं
  27. बेहद ख़ूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई.

    हर शेर बहुत अच्छा है.

    प्रस्तुति के लिए भी आभार


    dwijendradwij.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  28. ati sundar.
    Bahut badhiya shraddha ji..


    http://tanhaaiyan.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  29. इस ग़ज़ल मे है श्रद्धा जैन की सोज़-ए दुरूँ
    पाठकोँ को पढ के जिसको मिलता है ज़ेहनी सुकूँ
    अहमद अली बर्क़ी आज़मी

    जवाब देंहटाएं
  30. कमाल मिला मुज़ेः इस तहरीर में और तुम्हारी मेहनत भी

    जवाब देंहटाएं

आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.

आइये कारवां बनायें...

~~~ साहित्य शिल्पी का पुस्तकालय निरंतर समृद्ध हो रहा है। इन्हें आप हमारी साईट से सीधे डाउनलोड कर के पढ सकते हैं ~~~~~~~

डाउनलोड करने के लिए चित्र पर क्लिक करें...