
अभिषेक तिवारी "कार्टूनिष्ट" ने चम्बल के एक स्वाभिमानी इलाके भिंड (मध्य प्रदेश्) में जन्म पाया। पिछले २३ सालों से कार्टूनिंग कर रहे हैं। ग्वालियर, इंदौर, लखनऊ के बाद पिछले एक दशक से जयपुर में राजस्थान पत्रिका से जुड़ कर आम आदमी के दुःख-दर्द को समझने की और उस पीड़ा को कार्टूनों के माध्यम से साँझा करने की कोशिश जारी है.....
16 टिप्पणियाँ
वाह मजा आ गया
जवाब देंहटाएंअब तो रब दिखना ही है :)
जवाब देंहटाएंअभिषेक जी आपके कार्टून इतने तीखे होते हैं कि उनमें गुंजायिश नहीं रह जाती। चूनाव आ गये हैं और अब तो आम आदमी को भगवान हो जाना ही है।
जवाब देंहटाएं:-)
जवाब देंहटाएंचुनाव आ गये, लगता है! :)
जवाब देंहटाएंसाफ लग रहा है कि आप 'उन्हें' दौडा-दौडा कर मारेंगे।
जवाब देंहटाएंझन्नाटेदार।
क्या सोच है! एकदम झक्कास भेजा पाये रे ला है रे तू बीडू.
जवाब देंहटाएंरब तो रब
जवाब देंहटाएंलगता है
सब दिखता है
मज़ेदार
जवाब देंहटाएंहा हा हा बहुत सटीक।
जवाब देंहटाएंठहाका लगाने को मजबूर हूँ।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा।
जवाब देंहटाएंbahut badiya bahut hi badiya wah
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा...
जवाब देंहटाएंha ha ha ha ha .............
जवाब देंहटाएंkya banaya hai sir.........
बेहतरीन अब तो भगवान हो ही जाना है।
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.