
अभिषेक तिवारी "कार्टूनिष्ट" ने चम्बल के एक स्वाभिमानी इलाके भिंड (मध्य प्रदेश्) में जन्म पाया। पिछले २३ सालों से कार्टूनिंग कर रहे हैं। ग्वालियर, इंदौर, लखनऊ के बाद पिछले एक दशक से जयपुर में राजस्थान पत्रिका से जुड़ कर आम आदमी के दुःख-दर्द को समझने की और उस पीड़ा को कार्टूनों के माध्यम से साँझा करने की कोशिश जारी है.....
8 टिप्पणियाँ
अभिषेक भाई दो दिन से तो यह अडवानी जी कहते नजर आ रहे हैं। साथ में यह भी कि मुझे कमजोर समझा जाए तो हमारे पास तो विकल्प भी है।
जवाब देंहटाएं:-)
जवाब देंहटाएंसटीक
जवाब देंहटाएंबुलंद भारत की बुलंद तस्वीर।
जवाब देंहटाएंकार्टून का सबसे मजबूत पक्ष है वह आम आदमी जो लैंपपोस्ट के पास खडा है।
जवाब देंहटाएंकरनी और कथनी का फ़र्क भर है :)
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएंजोर जोर से शोर मचाने से ..... वाह अद्भुत और एकदम सटीक व्यंग्य - शुभकामना अभिषेक जी !
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.