
सीमा सचदेव बच्चों के बीच एक चर्चित नाम है। बाल साहित्य समर्पित विधा है, इसके लिये बच्चों के मन के भीतर उतरना होता है, सीमा जी को यह महारत है। साहित्य शिल्पी एक नये स्थायी स्तंभ की घोषणा करते हुए हर्षित हैं, सीमा जी बच्चों के लिये ले कर प्रस्तुत हैं हितोपदेश की कहानियों का काव्यानुवाद। - साहित्य शिल्पी।
**********एक कौआ और एक थी बुलबुल
घर था उनका प्यारा जंगल
बुलबुल बड़ी नरम दिल वाली
बैठी रहती वृक्ष की डाली
रचनाकार परिचय:-
2 अक्टूबर, 1974 को पंजाब के अबोहर मे जन्मी सीमा सचदेव पेशे से हिन्दी-अध्यापिका हैं। इनकी कई रचनाये जैसे- विभिन्न अंतर्जाल पत्रिकाओ मे प्रकाशित हैं। "मेरी आवाज़ भाग-१,२", "मानस की पीड़ा",,"सन्जीवनी", "आओ सुनाऊं एक कहानी", "नन्ही कलियाँ", "आओ गाएं" नामक रचना-संकलन ई-पुस्तक के रूप में प्रकाशित हैं।
बड़ा चतुर था पर वह कौआ
इधर-उधर उड़ता था भैया
इक दिन एक शिकारी आया
देखी पेड़ की गहरी छाया
गया था गर्मी में थक-हार
आया मन में एक विचार
क्यों न थोड़ा करे आराम
फिर जाएगा अपने काम
सोच के वह छाया में लेटा
और निद्रा का आ गया झूठा
आ गई उसको निद्रा गहरी
पर छाया न वहाँ पे ठहरी
धूप लगी आने वहाँ पर
पड़ने लगी थी उसके मुख पर
देख रही थी यह सब बुलबुल
पिघल गया बुलबुल का दिल
उसने अपने पँख फैलाए
ताकि वहाँ छाया हो जाए
पर कौआ था बड़ा चालाक
उड़ गया वह वहाँ से तपाक
हो गई जब सब दूर थकावट
ली शिकारी ने तब करवट
जब उसकी आँखें गईं खुल
देखा टहनी पर थी बुलबुल
झट से उठाया तीर-कमान
ले ली उस बुलबुल की जान
गिरी वो अब धरती पर आकर
बैठी थी जो पँख फैलाकर
बच गया था कौआ चलाक
बच्चो, होना नहीं अवाक
दुष्टों पे एतबार न करना
न ही इतने भोले बनना
करनी दुष्ट के संग में भलाई
समझो नई मुसीबत आई
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10 टिप्पणियाँ
हितोपदेश का एसा मोहक प्रस्तुतिकरण। आपने बडा काम किया है सीमा जी। इस श्रंखला की सभी कडियाँ मैं सहेज कर रखने वाली हूँ।
जवाब देंहटाएंकरनी दुष्ट के संग में भलाई
जवाब देंहटाएंसमझो नई मुसीबत आई - सही शिक्षा।
बच्चो, होना नहीं अवाक
जवाब देंहटाएंदुष्टों पे एतबार न करना
न ही इतने भोले बनना
करनी दुष्ट के संग में भलाई
समझो नई मुसीबत आई
बच्चों की भाषा और रोचक कहानी। मजा आ गया।
वाह वाह सही कहा। दुष्टों की मदद करना मुसीबत मोल लेना ही है।
जवाब देंहटाएंवाह अतिसुन्दर शिक्षाप्रद काव्यात्मक प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंबच्चो की बढ्या महफिल जमाई है सीमा जी नें। अच्छी रचना।
जवाब देंहटाएंअति - सुन्दर प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंवाह....बहुत ही बढिया...क्या कहने....आनंद आ गया...
जवाब देंहटाएंतालियाँ...तालियाँ....तालियाँ
ऐसे और भी प्रयास किए जाने चाहिए ...
सीमा सचदेव जी को उनके प्रयास के लिए हमारी तरफ से ग्रैंड सैल्यूट ....
सीमा सचदेव जी का यह प्रयास सराहनीय है - बच्चोँ के लिये हिन्दी भाषा मेँ और ज्यादा साहित्य रचा जाना आवश्यक है -
जवाब देंहटाएं- लावण्या
kya baat hai
जवाब देंहटाएंकरनी दुष्ट के संग में भलाई
समझो नई मुसीबत आई
aap bhaut achha kaam kar rahi hai
आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.