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10 टिप्पणियाँ
आए जब तूफां भरे हालात
जवाब देंहटाएंसोच पुख्ता हौसले खरे हुए
बहुत बढिया
har she'r gazab !
जवाब देंहटाएंwaah
waah
waah
_______umda ghazal !
कमाल के ग़ज़ल है आपके,
जवाब देंहटाएंबेहद चुनिंदा शब्दो से भरे हुए.
पढ़ कर ऐसा लगा मानो,
दिल के मुरझाए फूल हरे हुए.
आए जब तूफां भरे हालात
जवाब देंहटाएंसोच पुख्ता हौसले खरे हुए
bhut khub mitr
meri bdhayi swikaar kare
saadar
praveen pathik
9971969084
ajawaab gazal........... khoobsoorat sher
जवाब देंहटाएंअच्छी ग़ज़ल।
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया गज़ल
जवाब देंहटाएंरिश्तों का टिकाऊपन,
जवाब देंहटाएंअब प्यार पर निर्भर नहीं,
वह निर्भर करता है,
अर्थ की शक्ति पर,
सुख-सुविधाओं के सामान पर,
रिश्तों की जितनी अधिक ज़रूरतें
पूरी होंगी,
प्यार गहराता जाएगा,
यदि आप ऐसा न कर सके,
रिश्तों का विशाल भवन,
रेत के महल की तरह,
कुछ पल में भरभरा कर गिर जाएगा । आए जब तूफां भरे हालात
सोच पुख्ता हौसले खरे हुए
बधाई ! डा.साहेब
तब्दील हुई, शहर की तासीर
जवाब देंहटाएंजज्बात भी पत्तों से झरे हुए...
बहुत सुंदर...दर्द का बयान है
सुन्दर दिलकश गजल... हर शेर अपने आप में एक पूर्ण गजल है
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.