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सिर्फ पकड़्ने से क्या हासिल? [सप्ताह का कार्टून] - अभिषेक तिवारी


रचनाकार परिचय:-
अभिषेक तिवारी "कार्टूनिष्ट" ने चम्बल के एक स्वाभिमानी इलाके भिंड (मध्य प्रदेश्) में जन्म पाया। पिछले २३ सालों से कार्टूनिंग कर रहे हैं। ग्वालियर, इंदौर, लखनऊ के बाद पिछले एक दशक से जयपुर में राजस्थान पत्रिका से जुड़ कर आम आदमी के दुःख-दर्द को समझने की और उस पीड़ा को कार्टूनों के माध्यम से साँझा करने की कोशिश जारी है.....

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10 टिप्पणियाँ

  1. इतना जल्दी पकड लिया ये क्या कम है
    हमारी शोर्यगाथा तलवारों मे,उनके बम है
    जलता रहे घंटो ताज ,अन्दर होने का भ्रम है
    उठ रहा अब विश्वास इनके मिले होने का गम है

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  2. पकड़ लिया यह भी क्‍या कम है
    लटक जाओ खुद ही अगर दम है
    आपको मिल रही है पगार हर माह
    नौकरी से सब मुहब्‍बत करते हैं बेपनाह
    काम न करना तो नहीं है कोई गुनाह।

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  3. कोई नहीं आयेगा। सब सरकारी दामाद हैं।

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  4. अभिषेक जी के कार्टून प्रभावशाली होते हैं।

    जवाब देंहटाएं
  5. फासी का विरोध सरकार क्यों कर रही है यह समझिये। बेकार में जल्लाद निठल्ले बैठे हैं :)

    जवाब देंहटाएं
  6. अभिषेक जी,
    आप के कार्टून इतना सच क्यों बोलतें हैं?

    जवाब देंहटाएं
  7. सही है अभिषेक भाई... अविनाश जी की टिप्पणी भी खूब है... लटक जाओ खुद ही गर दम है...
    खबरी

    जवाब देंहटाएं

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