
17 जून 2009 की मनहूस सुबह से मेरे दिन की शुरुआत हुई। सुबह सवा सात बजे फोन की घंटी से आँखे खुली और फोन पर जो समाचार मिला तो आँखे खुली की खुली ही रह गयी, चूंकि समाचार था हिन्दी काव्यमंच के सर्वश्रेष्ठ हास्य कवि श्री अल्हड बीकानेरी जी के निधन का।
ज्ञात हो कि पिछले दो तीन माह से वे अस्वस्थ थे और पिछले सप्ताह ही उन्हे इलाज के लिये नोयडा के कैलाश अस्पताल भरती कराया गया था। यह समाचार मिलते ही मैं उनसे कैलाश अस्पताल मिलने गया। उनके चरण छुवे। उन्होने लेटे लेटे ही आशीर्वाद दिया और हालचाल भी पूछे तो लगा कि दादा ठीक हो रहे हैं। किंतु दुर्भाग्य कि काव्य जगत को उनके निधन का समाचार मिलते ही एक और गहरा झटका लगा।
दादा अल्हड जी की विशेष कृपादृष्टि व स्नेह मुझे अक्सर मिलता रहा। यह मेरे लिये जीवन भर का संस्मरण रहेगा। याद आता है मुझे अपने कालेज का वो दिन, जब मैं दयाल सिंह कॉलेज (सान्ध्य) दिल्ली में विद्यार्थी था और वहाँ दादा अल्हड जी भी कवि सम्मेलन में आये थे। जैसे ही मैने उन्हे प्रणाम किया तो उन्होंने मुझे अन्य मंचीय कवियों के साथ कविता पढने का अवसर दिलवाया।
पूरा कवि समाज जानता है कि दादा एक स्वाभिमानी, अपनी शर्तों पर जीने वाले व हिन्दी के सशक्त हस्ताक्षर थे। मुझे उनके साथ अनेको यात्रायें करने का व दरजनों मंचों पर उनके साथ काव्यपाठ करने का अवसर मिला। मेरा सौभाग्य था कि दादा नें हमेशा अपने बच्चे की तरह प्यार दिया। शब्द कम हैं मेरे पास। संवेदनायें अधिक हैं, लेकिन वह भी मेरे अंतर्मन से लेकर कंठ तक भरी हुई। शब्दों में मैं दादा का व्यक्तित्व व कृतीत्व बयान नहीं कर सकता, बस यही निवेदन करता हूँ आप सबसे कि उनकी आत्मा की शांति के लिये समस्त हिन्दी समाज और साहित्यकार वर्ग प्रार्थना करे।
11 टिप्पणियाँ
अत्यंत दुखद समाचार है, इससे पहले श्री ओम प्रकाश आदित्य और अब अल्हड़ बीकानेरी । ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे ।
जवाब देंहटाएंश्रद्धांजलि। अपूर्णीय क्षति है।
जवाब देंहटाएंAPNE NAM AAKHON SE SHRADHAANJALI...
जवाब देंहटाएंARSH
is maheene me jo kshati sahitya jagat ki hui hai uska dukh bahut hi gahra hai ... dewas ka accident phir habib tanveer ji bhopal me...aur ab bikaneri ji ...
जवाब देंहटाएंman bahut dukhi ho uthta hai in mahan vibutiyon ke yun chale jaane se..
meri vinamr shradanjali ..
naman
HAASYA RAS KE KAVI ALHAD BIKANEREE
जवाब देंहटाएंKEE MRITYU KE SAMAACHAAR SE MUN
DUKHEE HUAA HAI.ISHWAR UNKEE ATMA
KO SHANTI PRADAAN KARE
विनम्र श्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएंदीपक जी नें शिद्दत से याद किया है, विनम्र श्रद्धांजलि।
जवाब देंहटाएंचार प्रमुख साहित्य हस्तियों को खो कर साहित्य जगत को अपूर्णिय क्षति हुई है. ईश्वर दिंवगत आत्माओं को अपने यहां स्थान व शांति प्रदान करें.
जवाब देंहटाएंये बहूत ही दुखद समाचार है ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे
जवाब देंहटाएंश्रद्धांजलि।
जवाब देंहटाएंgeetganga k aadhunik bhagirath alhadji ka jana bada dukh de gaya....
जवाब देंहटाएंve mere shahar ganganagar k damad toh the hi............sanyog ki baat ye hai ki maine pahla bada kavi sammelan bhi unke saath hi padhaa tha 1981 me...
divangat ko vinamra shraddhanjli !
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