अभिषेक तिवारी "कार्टूनिष्ट" ने चम्बल के एक स्वाभिमानी इलाके भिंड (मध्य प्रदेश्) में जन्म पाया। पिछले २३ सालों से कार्टूनिंग कर रहे हैं। ग्वालियर, इंदौर, लखनऊ के बाद पिछले एक दशक से जयपुर में राजस्थान पत्रिका से जुड़ कर आम आदमी के दुःख-दर्द को समझने की और उस पीड़ा को कार्टूनों के माध्यम से साँझा करने की कोशिश जारी है.....
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
आइये कारवां बनायें...
साहित्य शिल्पी, हिन्दी और साहित्य की सेवा का मंच, एक ऐसा अभियान.. जो न केवल स्थापित एवं नवीन रचनाकारों के बीच एक सेतु का कार्य करेगा अपितु अंतर्जाल पर हिन्दी के प्रयोग और प्रोत्साहन का एक अभिनव सोपान भी है, अपने सुधी पाठको के समक्ष कविता, कहानी, लघुकथा, नाटक, व्यंग्य, कार्टून, समालोचना तथा सामयिक विषयो पर परिचर्चाओं के साथ साहित्य शिल्पी समूह आपके समक्ष उपस्थित है। यदि राष्ट्रभाषा हिदी की प्रगति के लिए समर्पित इस अभियान में आप भी सहयोग देना चाहते हैं तो अपना परिचय, तस्वीर एवं कुछ रचनायें हमें निम्नलिखित ई-मेल पते पर प्रेषित करें।
sahityashilpi@gmail.com
आइये कारवां बनायें...

बढिया कटाक्ष
उत्तर देंहटाएंवोटर तो है पर वाटर नही
उत्तर देंहटाएंजाड तो है पर चना नही
था जब बहुत तो सहेजा नही
कटाक्ष तिवारी जी का होगा ही सही
यह केवल कार्टून नहीं है, पानी की समस्या को सही चित्रित भी करता है।
उत्तर देंहटाएंबहुत अच्छा कार्टून। पानी की समस्या विकराल होती जा रही है।
उत्तर देंहटाएंSundar Cartoon.
उत्तर देंहटाएंसटीक व्यंग्य...विदेशी सब उपलब्ध है.. बस देसी और आवश्यक वस्तुओं की ही कमी है
उत्तर देंहटाएं