HeaderLarge

नवीनतम रचनाएं

6/recent/ticker-posts

जोगन [कविता] - विजय कुमार सपत्ति



मैं तो तेरी जोगन रे ; हे घनश्याम मेरे !
तेरे बिन कोई नहीं मेरा रे ; हे श्याम मेरे !!
मैं तो तेरी जोगन रे ; हे घनश्याम मेरे !

रचनाकार परिचय:-


विजय कुमार सपत्ति के लिये कविता उनका प्रेम है। विजय अंतर्जाल पर सक्रिय हैं तथा हिन्दी को नेट पर स्थापित करने के अभियान में सक्रिय हैं। आप वर्तमान में हैदराबाद में अवस्थित हैं व एक कंपनी में वरिष्ठ महाप्रबंधक के पद पर कार्य कर रहे हैं।

तेरी बंसुरिया की तान बुलाये मोहे
सब द्वारे छोड़कर चाहूं सिर्फ तोहे
तू ही तो है सब कुछ रे , हे श्याम मेरे !
मैं तो तेरी जोगन रे ; हे घनश्याम मेरे !

मेरे नैनो में बस तेरी ही तो एक मूरत है
सावंरा रंग लिए तेरी ही मोहनी सूरत है
तू ही तो एक युगपुरुष रे ,हे श्याम मेरे !
मैं तो तेरी जोगन रे ; हे घनश्याम मेरे !

बावरी बन फिरू , मैं जग भर रे कृष्णा
गिरधर नागर कहकर पुकारूँ तुझे कृष्णा
कैसा जादू है तुने डाला रे , हे श्याम मेरे !
मैं तो तेरी जोगन रे ;हे घनश्याम मेरे !

प्रेम पथ ,ऐसा कठिन बनाया ; मेरे सजना
पग पग जीवन दुखो से भरा ; मेरे सजना
कैसे मैं तुझसे मिल पाऊं रे , हे श्याम मेरे !
मैं तो तेरी जोगन रे ; हे घनश्याम मेरे !

एक टिप्पणी भेजें

7 टिप्पणियाँ

  1. बेहतरीन कविता। लय का अद्भूत संयोजन। काफ़ी मेहनत की है इस बार सपत्ति जी ने। मेरी बधाई स्वीकारें हृदय से।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर भजन विजय जी को बधाई

    जवाब देंहटाएं
  3. विजय जी प्रणाम बहुत ही सुन्दर और भाव पूर्ण भजन है मित्र मई तो नित आप का नया ही रूप देखता हूँ क्रष्ण भक्ति से सरो बोर हो गया

    मेरी बधाई और प्रणाम स्वीकार करे

    सादर

    प्रवीण पथिक

    ९९७१९६९०८४

    जवाब देंहटाएं
  4. प्रेम पथ ,ऐसा कठिन बनाया ; मेरे सजना
    पग पग जीवन दुखो से भरा ; मेरे सजना
    कैसे मैं तुझसे मिल पाऊं रे , हे श्याम मेरे !
    मैं तो तेरी जोगन रे ; हे घनश्याम मेरे
    ....Bahut khub..badhai.

    जवाब देंहटाएं
  5. जन जन के भजने योग्‍य
    सुंदर मनभावन भजन।

    जवाब देंहटाएं
  6. प्रेम के pavitr बंधन में rachi आपकी लाजवाब रचना vijay जी ............बहुत सुन्दर लिखा है

    जवाब देंहटाएं
  7. विजय जी इस भावपूर्ण भजन को लिखने के लिये बधाई...

    जवाब देंहटाएं

आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.

आइये कारवां बनायें...

~~~ साहित्य शिल्पी का पुस्तकालय निरंतर समृद्ध हो रहा है। इन्हें आप हमारी साईट से सीधे डाउनलोड कर के पढ सकते हैं ~~~~~~~

डाउनलोड करने के लिए चित्र पर क्लिक करें...