
अभिषेक तिवारी "कार्टूनिष्ट" ने चम्बल के एक स्वाभिमानी इलाके भिंड (मध्य प्रदेश्) में जन्म पाया। पिछले २३ सालों से कार्टूनिंग कर रहे हैं। ग्वालियर, इंदौर, लखनऊ के बाद पिछले एक दशक से जयपुर में राजस्थान पत्रिका से जुड़ कर आम आदमी के दुःख-दर्द को समझने की और उस पीड़ा को कार्टूनों के माध्यम से साँझा करने की कोशिश जारी है.....
9 टिप्पणियाँ
आज की सच्चाई व्यक्त करता चित्र है
जवाब देंहटाएंसादर
प्रवीण पथिक
महंगाई को उड़ाना संभव नहीं है
जवाब देंहटाएंमहंगाई सबको उड़ा रही है
और
वन्देमातरम कहते हुए
बन्दे का मातम मना रही है।
बेहतरीन कार्टून।
जवाब देंहटाएंबढिया कटाक्ष
जवाब देंहटाएंसचमुच यही स्थिति है।
जवाब देंहटाएंअभिषेक तिवारी जी केवल व्यंग्य को ही अपने कार्टूनों की धार नहीं बनाते बल्कि उनकी सोच भी उनके कार्टूनों में निकलती है धारदार।
जवाब देंहटाएंमरे हुये को मारना ठीक नहीं. :)
जवाब देंहटाएंसशक्त।
जवाब देंहटाएंbahut sunder asardar aur prabhavi cartoon aise hi banate rahiyega badahi
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.