
राधा नाचे कृष्ण नाचे, नाचे गोपी जन!
मन मेरा बन गया सखी री सुँदर वृँदावन
कान्हा की नन्ही ऊँगली पर नाचे गोवर्धन
राधा नाचे कृष्ण नाचे, नाचे गोपी जन!
मन मेरा बन गया सखी री सुँदर वृँदावन।
श्याम सांवरे, राधा गोरी, जैसे बादल बिजली!
जोड़ी जुगल लिए गोपी दल, कुञ्ज गलिन से निकली,
खड़े कदम्ब की छांह, बांह में बांह भरे मोहन!
राधा नाचे कृष्ण नाचे, नाचे गोपी जन !
वही द्वारिकाधीश सखी री, वही नन्द के नंदन!
एक हाथ में मुरली सोहे, दूजे चक्र सुदर्शन!
कान्हा की नन्ही ऊँगली पर नाचे गोवर्धन!
राधा नाचे कृष्ण नाचे, नाचे गोपी जन
जमुना जल में लहरें नाचें , लहरों पर शशि छाया!
मुरली पर अंगुलियाँ नाचें , उँगलियों पर माया!
नाचें गैय्याँ , छम छम छैँय्याँ , नाच रहा मधु - बन!
राधा नाचे कृष्ण नाचे , नाचे गोपी जन!
मन मेरा बन गया सखी री सुँदर वृँदावन.
22 टिप्पणियाँ
रंग में रंग गए सांवरे के सभी भक्त जन... सुंदर कविता... जय श्रीकृष्ण
जवाब देंहटाएंजमुना जल में लहरें नाचें , लहरों पर शशि छाया!
जवाब देंहटाएंमुरली पर अंगुलियाँ नाचें , उँगलियों पर माया!
नाचें गैय्याँ , छम छम छैँय्याँ , नाच रहा मधु - बन!
राधा नाचे कृष्ण नाचे , नाचे गोपी जन!
मन मेरा बन गया सखी री सुँदर वृँदावन.
जय कन्यैया लाल की।
पं. नरेन्द्र शर्मा जी की हर रचना पढ कर सुखद अनुभूति होती है। जन्माष्टमी की बधाई।
जवाब देंहटाएंआनंद आ गया। जय श्री कृष्ण।
जवाब देंहटाएंमनभावन और सुर-लहरी का अनुपम उदाहरण। पढ़कर कृष्णमय हो गया।
जवाब देंहटाएंजन्माष्टमी पर यह बहुत अच्छी प्रस्स्तुति है। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंNice presentation.
जवाब देंहटाएंAlok Kataria
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंवही द्वारिकाधीश सखी री, वही नन्द के नंदन!
जवाब देंहटाएंएक हाथ में मुरली सोहे, दूजे चक्र सुदर्शन!
कान्हा की नन्ही ऊँगली पर नाचे गोवर्धन!
राधा नाचे कृष्ण नाचे, नाचे गोपी जन
.......Bahut khub !!जन्माष्टमी की बधाई।
MAHAKAVI PT.NARENDRA SHARMA JEE
जवाब देंहटाएंKEE KAVITA KAA EK-EK SHABD NAACH-
JHOOM RAHA HAI-
JAMNA JAL MEIN LAHREN NAACHEN
LAHRON PAR SHASHI CHHAYA
MURLEE PAR ANGULIYAN NAACHEN
ANGULIYA PAR MAYA
KYA SAJEEV CHITRAN HAI!AESE
SAJEEV CHITRAN KO DEKH-PADH KAR
KISKAA MUN NAHIN NACH-JHOOM UTHEGA?
RAJEEV JEE AUR LAVANYA JEE,
AAPKA DHANYAWAD ITNEE SARAS KAVITA
PADHWAANE KAA.
sunder bhajan sabhi ko janmashtmi ki badhai
जवाब देंहटाएंrachana
जन्म-जन्म जन्माष्टमी, मना सकूँ हे नाथ.
जवाब देंहटाएंकृष्ण भक्त को नमन कर, मैं हो सकूँ सनाथ.
वृन्दावन की रेणु पा, हो पाऊँ मैं धन्य.
वेणु बना लो तो नहीं मुझ सा कोई अन्य.
जो जन तेरा नाम ले, उसको करे प्रणाम.
चाकर तेरा है 'सलिल', रस शिरोमणि श्याम..
मनमोहक रचना .
वही द्वारिकाधीश सखी री, वही नन्द के नंदन!
जवाब देंहटाएंएक हाथ में मुरली सोहे, दूजे चक्र सुदर्शन!
कान्हा की नन्ही ऊँगली पर नाचे गोवर्धन!
राधा नाचे कृष्ण नाचे, नाचे गोपी जन
सुंदर......
जन्माष्टमी की बधाई
परम आदरणीय पं. नरेन्द्र शर्मा मेरे प्रिय कवियों में हैं और मेरा मानना है कि उनकी हर रचना कालजयी है। उनके इस गीत के साथ साहित्य शिल्पी पर जन्माष्टमी की रौनक हो गयी।
जवाब देंहटाएं" यदा यदा ही धर्मस्य,
जवाब देंहटाएंग्लानिर्भवति भारत..
अभ्युत्थानम अधर्मस्य
तदात्मानम सृजाम्यहम
परित्राणायाय साधुनाम,
विनाशायच दुष्कृताम
धर्म सँस्थापनार्थाय,
सँभावामि, युगे, युगे ! "
***************************
श्री राधा मोहन,
श्याम शोभन,
अँग कटि पीताँबरम
जयति जय जय,
जयति जय जय ,
जयति श्री राधा वरम्
आरती आनँदघन,
घनश्याम की अब कीजिये,
कीजिये विनीती ,
हमेँ, शुभ ~ लाभ,
श्री यश दीजिये
दीजिये निज भक्ति का वरदान
श्रीधर गिरिवरम् ..
जयति जय जय,
जयति जय जय ,
जयति श्री राधा वरम्
*********************************
रचनाकार [स्व. पँ. नरेन्द्र शर्मा ]
भगवद गीता का अमर सँदेश
महाभारत टी.वी .सीरीझ का शीर्षक गान - ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
अथ श्री महाभारत कथा...
अथ श्री महाभारत कथा...
कथा है पुरुषार्थ की,
ये, स्वार्थ की , परमार्थ की
... सारथी जिसके बने, श्रीकृष्ण भारत पार्थ की.....
शब्द दिग्घोषित हुआ, जब सत्य सार्थक सर्वदा.
... शब्द दिग्घोषित हुआ.....................
रचनाकार [स्व. पँ. नरेन्द्र शर्मा ]
जब हम छोटे थे
जवाब देंहटाएंतब पता नहीँ था कि
मेरे पापा
जो हमेँ इतना प्यार करते थे
वे एक असाधारण प्रतिभाशाली व्यक्ति हैँ
जिन्होँने अपने कीर्तिमान
अपने आप बनाए -
और वही पापा जी,
हमेँ अपनी नरम हथेलियोँ से ,
ताली बजाकर गीत सुनाते ....
और हमारे पापा ,
उनकी ही कविता गाते हुए
हमेँ नृत्य करता देखकर
मुस्कुराते थे :)
"राधा नाचे कृष्ण नाचे,
नाचे गोपी जन !
मन मेरा बन गया सखी री
सुँदर वृँदावन .
कान्हा की नन्ही ऊँगली पर
नाचे गोवर्धन "
ये गीत
पापा जी जब गाया करते थे
तब शायद मेरी ऊम्र
४ या ५ बरस की रही होगी
..............
ये लिंक देखियेगा ......
radionama पर
http://radionama.blogspot.com/2007/09/blog-post_8214.html
वही द्वारिकाधीश सखी री, वही नन्द के नंदन!
जवाब देंहटाएंएक हाथ में मुरली सोहे, दूजे चक्र सुदर्शन!
कान्हा की नन्ही ऊँगली पर नाचे गोवर्धन!
राधा नाचे कृष्ण नाचे, नाचे गोपी जन
bhut hi sundar prstututi
janm astmi ki haardik shubh kaamnaaye
राधा नाचे कृष्ण नाचे , नाचे गोपी जन!
जवाब देंहटाएंमन मेरा बन गया सखी री सुँदर वृँदावन
सचमुच बहुत सुंदर रचना .. आपको जन्माष्टमी और स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं !!
भक्तिपूर्ण गीत की सुन्दर रचना |
जवाब देंहटाएंपंडितजी को नमन |
अवनीश तिवारी
कृष्ण नाचे,राधे नाचे,नाचे गोपी ग्वाल
जवाब देंहटाएंमोरे मन में बस गये नन्द के गोपाल
जय हो गोवर्धन महाराज कृष्ण बाकेबिहारी जी की
जवाब देंहटाएंJai Shree Krishna
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.