
सामान्यत: /
उसके चेहरे पर कोई भाव नही होते /
‘चुप्पा’ ज्यादातर चुप ही रहता है /
सारे भाव विभाव, हंसी खुशी, और /
यहां तक कि /
उसके चेहरे पर कोई भाव नही होते /
‘चुप्पा’ ज्यादातर चुप ही रहता है /
सारे भाव विभाव, हंसी खुशी, और /
यहां तक कि /
सहमति और असहमति को भी /
शून्य मे टांग दिया हो /
/
शून्य मे टांग दिया हो /
/
शायद शून्य मे कोई खूंटी हो /
या हो सकता है /
उसके सभी भाव और विभाव /
इस चुप्पी के साथ /
हवा मे घुल मिल कर /
शून्य मे विलीन हो गये हों /
/
या हो सकता है /
उसके सभी भाव और विभाव /
इस चुप्पी के साथ /
हवा मे घुल मिल कर /
शून्य मे विलीन हो गये हों /
/
बुजुर्गों का कहना है, /
वह जन्म से ‘चुप्पा’ न था /
अनुभव व उम्र ने /
चुप्पा बना दिया है /
पर, कुछ लोगों का विश्वास है /
किसी बड़े हादसे ने, /
उसे चुप्पा बना दिया है /
/
बहरहाल कुछ भी हो /
उसे ‘चुप्पा’ कहे जाने से /
कोई एतराज नही है /
वह जन्म से ‘चुप्पा’ न था /
अनुभव व उम्र ने /
चुप्पा बना दिया है /
पर, कुछ लोगों का विश्वास है /
किसी बड़े हादसे ने, /
उसे चुप्पा बना दिया है /
/
बहरहाल कुछ भी हो /
उसे ‘चुप्पा’ कहे जाने से /
कोई एतराज नही है /
6 टिप्पणियाँ
अच्छी कविता।
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी कविता, बधाई
जवाब देंहटाएंमहसूस होने वाली कविता है।
जवाब देंहटाएंNice poem
जवाब देंहटाएंAlok Kataria
kavita achhi lagi
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.