
हिन्दी पर थप्पड़..
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आयु: ४७ वर्ष
पेशा: स्वतंत्र कार्टूनिस्ट
अन्य जानकारियां कार्य अनुभव २५ वर्षों का ! अबतक १५००० हजार से भी अधिक कार्टून प्रकाशित!
कुछ प्रमुख पत्र-पत्रिकाएं जहाँ कार्टून प्रकाशित हुए या हो रहे हैं:
दैनिक हिंदुस्तान, प्रभात खबर, रांची एक्सप्रेस, सन्मार्ग, अपनी रांची, देशप्राण, सरिता, मेरी सहेली, वामा, गृह सहेली, बिंदिया, प्रथम प्रवक्ता, नूतन कहानियाँ, सच्ची कहानियां, सरस सलिल, दी पब्लिकअजेंडा, राज माया, संपादक, नंदन, बाल भारती, बाल हंस, बाल भाष्कर, दीवाना तेज साप्ताहिक, लोटपोट, मधुमुस्कान, आनंद डाइजेस्ट, मेला, माधुरी, आदि.....
ब्लोग्स- http://sureshcartoonist.blogspot.com. www.sahityashilpi.com
11 टिप्पणियाँ
हां जी! मन से ही करते हैं.
जवाब देंहटाएंइनकी गुंडागर्दी बंद होनी चाहिये समझ नहीं आता कि हमारा कानून इनके आगे लाचार क्यों नजर आता है?
जवाब देंहटाएंGood Ones on the Shame of Maharastra.
जवाब देंहटाएंAlok Kataria
आपने मन से टिप्पणियां दी, आभार !
जवाब देंहटाएंआपने मन से टिप्पणियां दी, आभार !
जवाब देंहटाएंएक अच्छे व्यंग्य चित्र के लिए बधाई.
जवाब देंहटाएंरूपसिंह चन्देल
बेमन की मनसे ने करी
जवाब देंहटाएंमन की सरकार ने ना करी।
dhatna pr kya khub chali aap ki tulika badhai ho.
जवाब देंहटाएंशर्मनाक है जो कुछ महाराष्ट्र में हो रहा है। शिवाजी की धरती में ये कैसे लोग पैदा हो गये?
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे कार्टून।
जवाब देंहटाएंपंजाब से उसको गेहूँ मिले
जवाब देंहटाएंधान उसका बिहारी है पर क्या करें?
संतरे से ही गर पेट भरता तो फिर
उसको कश्मीर के सेब क्योंकर मिलें?
उसका सूरज अलग/उसका चंदा अलग
काश होता तो राहत से सोता तो वो
सबका खाता है और ‘मल’ किये जा रहा
और मलमल में मचला के कहता है वो
गाल बजता है और थाल में छेद है
टूट होगी जहाँ से वही सूत्र हूँ
भूमिपुत्र हूँ।
आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.