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पकवान बनाओ मीठे
खूब खाने का न्योता हूँ
हटा दूँगा पीले पत्ते
लाल को जगह देता हूँ
धूप में बैठो चाहे
सूरज को अभी समझाता हूँ
लो मै आगया हूँ
कोहरा बनकर छागया हूँ
सालासर में ६ नवम्बर, १९७३ को जन्मे राजाभाई कौशिक अजमेर के डी.ए.वी. कालेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त करने के उपरांत आयुर्वेद की ओर उन्मुख हुये और इस क्षेत्र में सुयश प्राप्त किया।
वर्तमान में राजस्थान के चुरू में निवास कर रहे राजाभाई ने अनेक कविताएं, लेख, व्यंग्य आदि लिखें हैं और कई सम्मान प्राप्त किये हैं। आप एक अच्छे चित्रकार भी हैं।
वर्तमान में राजस्थान के चुरू में निवास कर रहे राजाभाई ने अनेक कविताएं, लेख, व्यंग्य आदि लिखें हैं और कई सम्मान प्राप्त किये हैं। आप एक अच्छे चित्रकार भी हैं।
अंग न दिखाओ मुझे
मोटे कपडे दिलाता हूँ
चद्दर से काम न चले
तो रजाईयाँ भरवाता हूँ
डरो थोडा तो उससे
खिडकियाँ बन्द करवाता हूँ
लो मैं आगया हूँ
कोहरा बनकर छागया हूँ
सुनो ध्यान से बात मेरी
समझने मे करो न देरी
शीत के गीत गाते वो आ रही है
कंपन, ठिठुरन, दंतवादन ला रही है
नाक में नही, बस मुठ्ठियों में
बन्द कर बगल में दबा लेना
लो मै आ गया हूँ
कोहरा बनकर छागया हूँ
10 टिप्पणियाँ
जन्मदिन की शुभकामनायें, अच्छी कविता की बधाई।
जवाब देंहटाएंसुनो ध्यान से बात मेरी
जवाब देंहटाएंसमझने मे करो न देरी
शीत के गीत गाते वो आ रही है
कंपन, ठिठुरन, दंतवादन ला रही है
नाक में नही, बस मुठ्ठियों में
बन्द कर बगल में दबा लेना
लो मै आ गया हूँ
कोहरा बनकर छागया हूँ
जन्मदिन की बधाई। इस कविता के साथ आपकी पेंटिंग की कमी खली।
जन्मदिन मुबारक ..!!
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंकविता की पहली पंकतियां तो मुंह में पानी ले आई.. लगा जन्म दिन पर दावत है.. परन्तु ऐसा था नहीं... जाडे के आगमन का संदेश था सुन्दर कविता के रूप में.
जवाब देंहटाएंजन्म दिन पर हार्दिक बधाई... आपकी लेखनी पर इसी तरह ईश्वर की इनायत बनी रहे.
happy Birthday bhayee sahab
जवाब देंहटाएंAvaneesh
बन्द कर बगल में दबा लेना
जवाब देंहटाएंलो मै आ गया हूँ
कोहरा बनकर छा गया हूँ
bahut khoob .puri kavita hi bahut sunder hai
janmdin ki badhai
saader
rachana
kavita sundar lagi janmdin ki hardik badhayee
जवाब देंहटाएंmeri hardik shubh kamnayen svikar kren
जवाब देंहटाएंfir srdi aaihai
surj ke bhane hain
kyon dhoop staai hai
dil jmta jata hai
ye aag hui dhimi
vo jldi jata hai
dr. ved vyathit
सुन्दर प्रवाहमयी कविता है.
जवाब देंहटाएंजन्मदिन की बधाई।
आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.