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शिशिर दूत फिर आया [आज राजाभाई कौशिक के जन्म दिवस पर विशेष प्रस्तुति] {कविता} - राजाभाई कौशिक

आज जन्म दिवस पर राजाभाई कौशिक को हार्दिक शुभकामनायें - साहित्य शिल्पी परिवार
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पकवान बनाओ मीठे
खूब खाने का न्योता हूँ
हटा दूँगा पीले पत्ते
लाल को जगह देता हूँ
धूप में बैठो चाहे
सूरज को अभी समझाता हूँ
लो मै आगया हूँ
कोहरा बनकर छागया हूँ
साहित्य शिल्पीरचनाकार परिचय:-

सालासर में ६ नवम्बर, १९७३ को जन्मे राजाभाई कौशिक अजमेर के डी.ए.वी. कालेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त करने के उपरांत आयुर्वेद की ओर उन्मुख हुये और इस क्षेत्र में सुयश प्राप्त किया।

वर्तमान में राजस्थान के चुरू में निवास कर रहे राजाभाई ने अनेक कविताएं, लेख, व्यंग्य आदि लिखें हैं और कई सम्मान प्राप्त किये हैं। आप एक अच्छे चित्रकार भी हैं।

अंग न दिखाओ मुझे
मोटे कपडे दिलाता हूँ
चद्दर से काम न चले
तो रजाईयाँ भरवाता हूँ
डरो थोडा तो उससे
खिडकियाँ बन्द करवाता हूँ
लो मैं आगया हूँ
कोहरा बनकर छागया हूँ

सुनो ध्यान से बात मेरी
समझने मे करो न देरी
शीत के गीत गाते वो आ रही है
कंपन, ठिठुरन, दंतवादन ला रही है
नाक में नही, बस मुठ्ठियों में
बन्द कर बगल में दबा लेना
लो मै आ गया हूँ
कोहरा बनकर छागया हूँ

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10 टिप्पणियाँ

  1. जन्मदिन की शुभकामनायें, अच्छी कविता की बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  2. सुनो ध्यान से बात मेरी
    समझने मे करो न देरी
    शीत के गीत गाते वो आ रही है
    कंपन, ठिठुरन, दंतवादन ला रही है
    नाक में नही, बस मुठ्ठियों में
    बन्द कर बगल में दबा लेना
    लो मै आ गया हूँ
    कोहरा बनकर छागया हूँ

    जन्मदिन की बधाई। इस कविता के साथ आपकी पेंटिंग की कमी खली।

    जवाब देंहटाएं
  3. कविता की पहली पंकतियां तो मुंह में पानी ले आई.. लगा जन्म दिन पर दावत है.. परन्तु ऐसा था नहीं... जाडे के आगमन का संदेश था सुन्दर कविता के रूप में.
    जन्म दिन पर हार्दिक बधाई... आपकी लेखनी पर इसी तरह ईश्वर की इनायत बनी रहे.

    जवाब देंहटाएं
  4. बन्द कर बगल में दबा लेना
    लो मै आ गया हूँ
    कोहरा बनकर छा गया हूँ
    bahut khoob .puri kavita hi bahut sunder hai
    janmdin ki badhai
    saader
    rachana

    जवाब देंहटाएं
  5. meri hardik shubh kamnayen svikar kren
    fir srdi aaihai
    surj ke bhane hain
    kyon dhoop staai hai

    dil jmta jata hai
    ye aag hui dhimi
    vo jldi jata hai

    dr. ved vyathit

    जवाब देंहटाएं
  6. सुन्दर प्रवाहमयी कविता है.

    जन्मदिन की बधाई।

    जवाब देंहटाएं

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