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प्रयास कर [कविता] - अवनीश तिवारी


प्रयास कर तू, प्रयास कर |

सूरज शोला बरसाए,
सफलता मिलने को तरसाए,
रात घनी छाये,
विफलता साथ लाये,
फिर भी जीने की आहें भर,
प्रयास कर तू, प्रयास कर |

साहस साथ छोड़े,
आशा मुंह मोड़े,
मन लगे रोने,
भय - भ्रान्ति में खोने,
फिर भी उठा अपना सर,
प्रयास कर तू, प्रयास कर|

एकदिन...

वही सूरज नव प्रभात लाएगा,
खोये साहस को साथ लाएगा,
वही रात चाँद लायेगी,
सफलता को बाँध लायेगी,
आशा का मुंह मुड जाएगा,
मन से भय उड़ जाएगा,
सब दुःख वो ( ईश्वर), लेंगें हर,
प्रयास कर तू, प्रयास कर|

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5 टिप्पणियाँ

  1. वही सूरज नव प्रभात लाएगा,
    खोये साहस को साथ लाएगा,
    वही रात चाँद लायेगी,
    सफलता को बाँध लायेगी,
    आशा का मुंह मुड जाएगा,
    मन से भय उड़ जाएगा,
    सब दुःख वो ( ईश्वर), लेंगें हर,
    प्रयास कर तू, प्रयास कर|

    सकारात्मक कविता।

    जवाब देंहटाएं
  2. आपकी कविता में अपील है, प्रभावित करती है।

    जवाब देंहटाएं

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