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ग़ज़ल: तू नहीं शायरी भी नहीं - अजय अक़्स

gazal by ajay aqs
रचनाकार परिचय:-
वर्तमान में फरीदाबाद में निवास कर रहे अजय अक़्स एक उभरते हुए गज़लकार हैं। अब्दुल रहमान "मन्सूर" जैसे उस्ताद शायर से गज़ल की बारीकियाँ समझने वाले अक़्स विशेष रूप से छोटी बहर की गज़लें कहने में सिद्धहस्त हैं।

राह में रौशनी भी नहीं
हौसले में कमी भी नहीं

तेरे होने से है शायरी
तू नहीं शायरी भी नहीं

शेर कैसे कहे आपने
चोट दिल पे लगी भी नहीं

ज़िन्दगी में नहीं तू अगर
ज़िन्दगी ज़िन्दगी भी नहीं

ग़म जगाने हमें आ गये
नींद अपनी लगी भी नहीं

आरज़ू में कटी ज़िन्दगी
आरज़ू पर मिटी भी नहीं

हुक़्म फाँसी का दे ही दिया
बात मेरी सुनी ही नहीं

खुद को शायर वो कहने लगे
नज़्म कोई लिखी ही नहीं

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