सारी दुनिया इस दहशत में जी रही थी कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते 2035 तक हिमालय के सारे ग्लेशियर पिघल जायेंगे। अब यह तथ्य सामने आ रहा है कि हिमालय के ग्लेशियर्स पिघलने की चेतावनी महज अनुमान पर आधारित थी। इस सत्य के सामने आने के बाद वैज्ञानिक अब चेतावनी से अपने कदम पीछे खींच रहे हैं। साल 2007 में IPCC यानि इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज की एक रिपोर्ट में यह बात सामने लायी गयी थी कि हिमालय के ग्लेशियर दुनिया के दूसरे ग्लेशियर के मुकाबले बहुत तेजी से पिघल रहे हैं और साल 2035 तक वो पूरी तरह से गायब हो जाएंगे। 2035 तक इनका दायरा 5 लाख स्क्वॉयर किलोमीटर से सिमटकर 1 लाख स्क्वॉयर किलोमीटर रह जाएगा।
अब लंदन के अखबार संडे टाइम्स की एक रिपोर्ट में यह सत्य सामने लाया गया है कि हिमालय के ग्लेशियरों के 2035 तक गायब हो जाने की भविष्यवाणी असल में 1999 में एक लोकप्रिय साइंस मैगजिन न्यू साइंटिस्ट में छपे एक लेख पर आधारित थी। इतने गंभीर और जटिल मसले पर आईपीसीसी का की ये रिपोर्ट सिर्फ कल्पना पर आधारित थी। ये किसी भी वैज्ञानिक शोध पर आधारित नहीं थी। ये भी खुलासा हुआ कि न्यू साइंटिस्ट की खबर भी एक भारतीय वैज्ञानिक प्रो. हसनैन के साथ एक टेलिफोन इंटरव्यू के आधार पर छापी गई थी। खबरों के मुताबिक प्रो. हसनैन ने भी माना है कि उनका दावा महज अनुमान पर आधारित था। (जानकारी स्त्रोत - http://khabar.josh18.com/news/26793/9)
यह पहलू विज्ञान के क्षेत्र में केवल एक दु:खद अध्याय कहा जा सकता है। इस विषय पर साहित्य शिल्पी तथा पर्यावरण वैज्ञानिक राजीव रंजन प्रसाद से "वायस ऑफ इण्डिया" न्यूज चैनल नें बातचीत की प्रस्तुत है इस बातचीत का वीडियो:-
7 टिप्पणियाँ
राजीव जी बात तो खरी कही है आपने बिना ठोस जानकारी के समाज में भ्रम फैलाया जाना ठीक नहीं है।
जवाब देंहटाएंeसाईंस वर्ल्ड के लिये शर्मनाक घटना है।
जवाब देंहटाएंThanks
जवाब देंहटाएंAlok Kataria
kisi budhe ko ek bche ne btaya
जवाब देंहटाएंki taoo log chnd pr ja rhe hain
tau ghbraya aur bola
bete ve veshk khin jayen
pr ye thodi bhut
chandni aa rhi hai n
ise n khtm kr aayen
yhi in vaigyaniko ka ho rha hai
jo jis ke ji me aye vhi kr rha hai
koui duniya duba rha hai
koi bef pighla rha hai
koi him ug ko vapis la rha hai
bhgvan jane kya hoga
jb aayegi to kom rokega
kl ke dr se hm duble ho rhe hai
priy bhai rajiv hm se kh rhe hain
dro mt jio or aarm se jiyo
sahity shilpi ka kavy rs pio
dr.ved vyathit
पर्यावरण सम्बन्धी जरुरी विमर्श के लिए राजीव जी को धन्यवाद!
जवाब देंहटाएं- सुलभ
Itni mahatvpoorn jankari hamare saath baantne ke liye bahut bahut dhanyawaad !!!
जवाब देंहटाएंअभी कोई और 21.12.2012 की भविष्यवाणी का खंडन लेकर भी आता ही होगा.
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.