
आँख में आँसू लिए हम, हौसला देते रहे.
कवि परिचय:-
श्रद्धा जैन अंतर्जाल पर सक्रिय हैं तथा ग़ज़ल विधा में महत्वपूर्ण दख़ल रखती हैं।
आप शायर फैमिली डॉट् क़ॉम का संचालन भी कर रहीं हैं व इस माध्यम से देश-विदेश के स्थापित व नवीन शायरों एवं कवियों को आपने मंच प्रदान किया है। वर्तमान में आप सिंगापुर में अवस्थित हैं व एक अंतर्राष्ट्रीय विद्यालय में हिन्दी सेवा में रत हैं।
धूप खिलते ही परिंदे, जाएँगे उड़, था पता
बारिशों में पेड़ फिर भी, आसरा देते रहे
जो भी होता है, वो अच्छे के लिए होता यहाँ
इस बहाने ही तो हम, ख़ुद को दग़ा देते रहे
साथ उसके रंग, ख़ुश्बू, सुर्ख़ मुस्कानें गईं
हर खुशी को हम मगर, उसका पता देते रहे
चल न पाएगा वो तन्हा, ज़िंदगी की धूप में
उस को मुझसा, कोई मिल जाए, दुआ देते रहे
मेरे चुप होते ही, किस्सा छेड़ देते थे नया
इस तरह वो गुफ़्तगू को, सिलसिला देते रहे
पाँव में जंज़ीर थी, रस्मों-रिवाज़ों की मगर
ख़्वाब ‘श्रद्धा’ उम्र-भर, फिर भी सदा देते रहे
9 टिप्पणियाँ
श्रद्धा जी आप बहुत दिनों बाद साहित्य शिल्पी पर प्रस्तुत हुईं, आपको पढना हमेशा ही अच्छा लगता है।
जवाब देंहटाएंमेरे चुप होते ही, किस्सा छेड़ देते थे नया
जवाब देंहटाएंइस तरह वो गुफ़्तगू को, सिलसिला देते रहे
बहुत खूब..
श्रद्धा जी,
जवाब देंहटाएंगजल का हर शेर अपने आप में बहुत कुछ कहता है
किसी एक की तारीफ़ करना मुनासिब न होगा.
आपने गजलकारी में महारत हासिल कर ली है.
बधाई
bhut bhut sundr rchna mn se bhut bdhai swikar kr len
जवाब देंहटाएंanytha nlen kuchh kh rha hoon vaise khna ka hk nhi hai fir bhi jurrt kr rha hoon fir se kh rha hoon antha nlen
ydi is gzl men dga vali pnktimejhe is prka bhut jmi :
is bhane honsla hm khud ko hee dete rhe
doosri pnkti
doop khilte hee udenge prinde ye tha pta
kyon ki dgase jyda achchh honsla hai isi liye hmare des me vikshipt log km hai
fir se kshma
dr.vedvyathit@gmail.com
Ghazal....? Ghazab !
जवाब देंहटाएंShakti
Gazal achchi lagi - BADHAI
जवाब देंहटाएंachchi ghazal. shraddha ke saath parhne layak..
जवाब देंहटाएंसाथ उसके रंग, ख़ुश्बू, सुर्ख़ मुस्कानें गईं
जवाब देंहटाएंहर खुशी को हम मगर, उसका पता देते रहे
हर लाइन लाज़वाब..बहुत सुंदर ग़ज़ल..बधाई श्रद्धा जी
दीदी,
जवाब देंहटाएंउम्दा गज़ल।
खासकर यह शेर:
चल न पाएगा वो तन्हा, ज़िंदगी की धूप में
उस को मुझसा, कोई मिल जाए, दुआ देते रहे
वाह क्या ख्यालात हैं!!
बधाई स्वीकारें।
-विश्व दीपक
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