
तू हँस वाहिनी,
तू शांत-सहज-सरल,
तू सुंदर-विनम्र-निर्मल,
तू विचारणीय,
तू स्मरणीय,
तू पूजनीय,
तू वंदनीय,
तू करती पवित्रता से श्रृंगार,
तू शोभे पहन श्वेत परिधान,
तू द्वेष मुक्त,
तू क्लेश मुक्त,
तू कला युक्त,
तू ज्ञान युक्त,
तू करे तम सँहार,
तू ही लक्ष्य,
तू जीवन-सार,
तू हमें सर्वदा भायें,
तू वर दे, तुझे पायें।
6 टिप्पणियाँ
माँ सरस्वति को प्रणाम।
जवाब देंहटाएंतू हमें सर्वदा भायें,
जवाब देंहटाएंतू वर दे, तुझे पायें।
बसंत पंचमी के शुभ दिन पर माँ सरस्वती और सुन्दर कविता को नमन.
वसंत पंचमी की शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंNaman mata veenapani ko aur aapko bhi is sundar prarthna ke liye ..
जवाब देंहटाएंMata sadaa aappar apni kripadrishti banaye rakhen...........
माँ शारदा की वंदना बहुत ही भाव पूर्ण है, बधाई.
जवाब देंहटाएं- विजय
saraswati Vandana bhawpurn lagi - BADHAI
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.