
महसूस ये हुआ है बहुत सोचने के बाद
दिल का सुकून हार गये सब जीतने के बाद
रचनाकार परिचय:-
वर्तमान में फरीदाबाद में निवास कर रहे अजय अक़्स एक उभरते हुए गज़लकार हैं। अब्दुल रहमान "मन्सूर" जैसे उस्ताद शायर से गज़ल की बारीकियाँ समझने वाले अक़्स विशेष रूप से छोटी बहर की गज़लें कहने में सिद्धहस्त हैं।
अम्मा की याद आते ही भर आईं फिर आँखें
जाने से रोकती थी मुझे छींकने के बाद
क्या ले गया जहाँ से सिकन्दर बताइये
दुनिया के कई मुल्क भला लूटने के बाद
आज आ गये हैं दोस्तो हम उस मकाम पे
दिल हारने को कहता है सब जीतने के बाद
लाये कहाँ से ’अक़्स’ वो नाज़ुक खयालियाँ
माँ खुद भी रो पड़ी थी मुझे पीटने के बाद
8 टिप्पणियाँ
क्या ले गया जहाँ से सिकन्दर बताइये
जवाब देंहटाएंदुनिया के कई मुल्क भला लूटने के बाद
बेहतरीन अजय जी।
लाये कहाँ से ’अक़्स’ वो नाज़ुक खयालियाँ
जवाब देंहटाएंमाँ खुद भी रो पड़ी थी मुझे पीटने के बाद
वाह वाह..
Nice. Keep writing.
जवाब देंहटाएंAlok Kataria
जबरदस्त ग़ज़ल और बेहतरीन
जवाब देंहटाएंachhee rachna, badhayee.
जवाब देंहटाएंमाँ खुद भी रो पड़ी थी मुझे पीटने के...bahut sunder rachana ke liye ajayji badhai!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी गज़ल...बधाई
जवाब देंहटाएंमूल्यों को तलाशने की छ्टपटाहट से भरी एक बेहतरीन ग़ज़ल.
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.