
दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय भोपाल द्वारा युवा सृजनात्मकता को प्रोत्साहन के लिए राष्ट्रीय हिमाक्षरा साहित्य परिषद के सहयोग से अखिल भारतीय स्तर पर एक ग़ज़ल लेखन प्रतियोगिता का आयोजित किया गया। इस प्रतियोगिता में देश भर से युवा शायरों ने भाग लिया| इसके संयोजक श्री इसरार कुरैशी ‘गुणेश थे’।
प्रतियोगिता के पहले पुरस्कार के लिए पठानकोट के जतिन्दर परवाज़ को पुरस्कृत किया गया। दूसरा दमोह के ताबीश नैय्यर तथा जबलपुर की अमिता श्रीवास्तव ‘तमन्ना’ को तीसरे स्थान के लिए पुरस्कृत किया गया। साथ ही हरदा के मंसूर अली "मंसूर" को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
29 एवं 30 दिसम्बर को भारत भवन में दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय के स्थापना उत्सव के अवसर पर आयोजित एक भव्य "पुरस्कार वितरण समारोह" में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद श्री कैलाश जोशी ने अपने कर-कमलों से इन पुरस्कारों का वितरण किया। इस अवसर पर संग्रहालय के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने आज के दौर में बढ़ती व्यावसायिक प्रवृत्ति पर गहरी चिन्ता व्यक्त की और संग्रहालय के दस्तावेज़ीकरण के काम को अनुकरणीय माना।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित भारतीय स्टेट बैंक भोपाल वृत्त के मुख्य महाप्रबंधक श्री एम.भगवन्त राव ने अपने उद्बोधन में संग्रहालय के विविध प्रयत्नों को रेखांकित करते हुए समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। बतौर विशिष्ट अतिथि स्व. दुष्यन्त कुमार की जीवन-संगिनी श्रीमती राजेश्वरी दुष्यन्त कुमार भी उपस्थित थीं।

प्रतियोगिता के पहले पुरस्कार के लिए पठानकोट के जतिन्दर परवाज़ को पुरस्कृत किया गया। दूसरा दमोह के ताबीश नैय्यर तथा जबलपुर की अमिता श्रीवास्तव ‘तमन्ना’ को तीसरे स्थान के लिए पुरस्कृत किया गया। साथ ही हरदा के मंसूर अली "मंसूर" को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
29 एवं 30 दिसम्बर को भारत भवन में दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय के स्थापना उत्सव के अवसर पर आयोजित एक भव्य "पुरस्कार वितरण समारोह" में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद श्री कैलाश जोशी ने अपने कर-कमलों से इन पुरस्कारों का वितरण किया। इस अवसर पर संग्रहालय के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने आज के दौर में बढ़ती व्यावसायिक प्रवृत्ति पर गहरी चिन्ता व्यक्त की और संग्रहालय के दस्तावेज़ीकरण के काम को अनुकरणीय माना।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित भारतीय स्टेट बैंक भोपाल वृत्त के मुख्य महाप्रबंधक श्री एम.भगवन्त राव ने अपने उद्बोधन में संग्रहालय के विविध प्रयत्नों को रेखांकित करते हुए समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। बतौर विशिष्ट अतिथि स्व. दुष्यन्त कुमार की जीवन-संगिनी श्रीमती राजेश्वरी दुष्यन्त कुमार भी उपस्थित थीं।
प्रेषक:
संगीता राजुरकर (सहायक निदेशक)
दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय
एफ-50/17, दक्षिण तात्या टोपे नगर
शरद जोशी मार्ग, भोपाल-462003
संगीता राजुरकर (सहायक निदेशक)
दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय
एफ-50/17, दक्षिण तात्या टोपे नगर
शरद जोशी मार्ग, भोपाल-462003
2 टिप्पणियाँ
बहुत बहुत धन्यवाद इस जानकारी के लिये।
जवाब देंहटाएंइस जानकारी कें लिए बहुत बहुत धन्यवाद .
जवाब देंहटाएंमुझे अपनी गज़ले प्रकाशित करनी हैं कैसैं करें .
आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.