
नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नम:
नम: प्रकृत्यै भद्रायै नियता: प्रणता: स्म ताम्।
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या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।
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या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।
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या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।
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जयंती मंग्ला काली, भद्रकाली कपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्रि स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।
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देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।
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सर्वमंग्लमांग्ल्यै शिवे सर्वार्थसाधिके
शरण्ये त्र्यंबिके गौरि नारायणि नमोस्तुते।
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सर्वबाधाविनिर्मुक्तो धनधान्यसुतान्वित:
मनुष्यौ मत्प्रसादेन, भविष्यति न संशय:।
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शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोस्तुते।
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सर्वाबाधाप्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि
एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरिविनाशनम।
4 टिप्पणियाँ
nice
जवाब देंहटाएं-Alok kataria
बोलती हुई तस्वीर है
जवाब देंहटाएंdurga sapt sati pustak me aur bhee mantra hain |
जवाब देंहटाएंnivedan hai kee sab usakaa path karen.
logon se mantra baantanee ke liye dhanyvaad |
Avaneesh Tiwari
सच है
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.