साहित्य शिल्पी के श्री राजीव रंजन प्रसाद नें अपने बस्तर प्रवास में बस्तर क्षेत्र के अनेकों साहित्यकारों, इतिहासकारों तथा पत्रकारों से मुलाकात की। समकालीन कविता के सशक्त हस्ताक्षर तथा "सूत्र" नामक लघुपत्रिका के सम्पादक श्री विजय सिंह किसी परिचय के मुहताज नहीं हैं। जगदलपुर के आकांक्षा होटल में माया राम सुरजन फाउंडेशन एवं युनिसेफ, रायपुर (छतीसगढ) द्वारा आयोजित बाल पत्रकारों के सम्मेलन तथा कार्यशाला का संयोजन करते हुए उनसे मुलाकात हुई।
यह देखना सुखद रहा कि बस्तर के बच्चे नये नये क्षेत्रों के लिये स्वयं को तैयार कर रहे हैं। अंचल में ही प्रशिक्षित पत्रकार यहाँ की आवाज को बेहतर तरीके से उठा सकेंगे इसकी उम्मीद तो जगती ही है। यह जान कर और भी प्रसन्नता हुई कि कार्यशाला में उपस्थित दो बाल-पत्रकार मोनिका कुर्रे तथा पूजा सगने को छत्तीसगढ विधानसभा में मानसून सत्र के प्रथमदिवस अर्थात 26 जुलाई 2010 को बच्चों की समस्याओं को विधानसभा के पटल पर रखने का अवसर प्राप्त हुआ। साहित्य शिल्पी नें जब इन बच्चों से बात की तो बडे ही गर्व से उन्होंने बताया कि किस तरह मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह नें इनकी बातों को ध्यान से सुना गया तथा समस्याओं का निराकरण करने का आश्वासन दिया गया।
मोनिका कुर्रे तथा पूजा सगने दोनो ही बालिकायें बस्तर के कोंडागाँव एवं भानुप्रतापपुर की हैं। मोनिका कुर्रे की बाल-स्वराज में तीन रचनायें पुरस्कृत भी की जा चुकी हैं। यह सब देखना सुर सुनना एक सुखानुभूति देता है। दोनों ही बालिकाओं ने गर्व से बताया कि वे बस्तर के वर्तमान हालात से क्षुब्ध है और इसी लिये पत्रकार बनना चाहती हैं। शायद बच्चों में एसी जागरूकता कल इस अंचल को नयी सुबह का कर दे? साहित्य शिल्पी की ओर से इस अभियान को हार्दिक शुभकामनायें।
5 टिप्पणियाँ
एक अच्छी रिपोर्ट
जवाब देंहटाएंबच्चों से बडी उम्मीदें हैं।
जवाब देंहटाएंएसे आयोजनों के बारे में पढ कर खुशी होती है।
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएं-Alok Kataria
वे बस्तर के वर्तमान हालात से क्षुब्ध हैं, इसलिए पत्रकार बनना चाहती हैं.......हम्मम। जब तक ये बड़ी होंगी तब तक मीडिया का जाने और कैसा हाल हो चुका होगा। वैसे शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.