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बापू तेरे देश में [कविता] - डॉ. राजीव श्रीवास्तव

देखो आज क्या हो रहा
बापू तेरे देश में
हिंसा और अन्याय पल रहा
बापू तेरे देश में

सत्याग्रह का छेड़ आंदोलन
लोगो में जोश जगाया
देश के लिए मर मिटो
यह पाठ सभी को सिखाया
आज परस्पर मार काट है
जाने सब क्यो आक्रोश में
देखो आज क्या हो रहा
बापू तेरे देश में।

"अंग्रजो भारत छोड़ो"
का नारा आजादी लाया
अपने देश से प्यार करो
जन-जन को यह बतलाया
आज इसे ही कलंकित करने
वाले फिर है जोश में
देखो आज क्या हो रहा
बापू तेरे देश में।

करके "दांडी मार्च"
नमक क़ानून तोड़ा
जन-सैलाब तुम्हारे पीछे
पार किया था हर रोड़ा
आज नमक क्या पानी बिकता
आपने ही स्व-देश में
देखो आज क्या हो रहा
बापू तेरे देश में।

असहयोग आंदोलन
का बिगुल बजाया
छोड़ा अंग्रेज़ो का काम
विदेशी कपड़े को आग लगाई
ले भारत माता का नाम
आज विदेशी सभ्यता ही
दिखती अपने परिवेश में
देखो आज क्या हो रहा
बापू तेरे देश में।

बापू के जनम दिन पर
हम सब शीश नवाते हैं
बड़ी बड़ी बाते करके
सभा में रोब जमाते है
बापू के आदर्शों को
कर याद हम आयें होश में
देखो आज क्या हो रहा
बापू तेरे देश में।

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5 टिप्पणियाँ

  1. गाँधी जी के विचार और कार्य को समेटती बहुत अच्छी कविता है।

    जवाब देंहटाएं
  2. गाँधी दर्शन प्रस्तुत करने का धन्यवाद। गाँधी जयंति की शुभकामनायें।

    जवाब देंहटाएं
  3. गाँधी जी युग पुरुष थे, उन्हें इस तरह याद करना अच्छा लगता है।

    जवाब देंहटाएं

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