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बंटवारा [लघुकथा] - शशांक मिश्र "भारती"

चौकी पर फोन आया, कि चोर-उचक्के उड़ाये गये माल के लिए आपस में झगड़ रहे हैं।

चार-पांच पुलिस वालों ने छापा मारा। सारा माल जब्त। खूब लाठियां भांजी।

अगले दिन अखबारों ने छापा। जब्त किये गये माल के बंटवारे के लिए पुलिस वाले भिड़े.........।

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