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किशोर श्रीवास्तव की जन चेतना कार्टून पोस्टर प्रदर्शनी ‘खरी-खरी’ ने 25 साल पूरे किए [समाचार] - लाल बिहारी लाल (मीडिया प्रभारी- हम सब साथ साथ पत्रिका, नई दिल्ली)

नई दिल्ली। वर्ष 1985 में 100 रंगीन पोस्टरों के साथ शुरू हुई श्री किशोर श्रीवास्तव की जन चेतना कार्टून पोस्टर प्रदर्शनी ‘खरी-खरी’ ने इस माह अपने 25 वर्ष पूरे करते हुए 26वें वर्ष में प्रवेश कर लिया है। झाँसी में रहते हुए पढ़ाई और संगीत के साथ कार्टून बनाने हुए श्री किशोर के कार्टून लोटपोट, सा. हिंदुस्तान, दै. सन्मार्ग, सत्यकथा, नूतन कहानियां, पराग, नवनीत, दै. जागरण आदि जैसी प्रतिष्ठित पत्र/पत्रिकाओं में छपने लगे थे। उन्हीं दिनों दंगों और विभिन्न सामाजिक विसंगतियों ने उन्हें इतना उद्वेलित किया कि उन्होंने ‘खरी-खरी’ नाम से लगभग सौ रंगीन पोस्टर तैयार कर लिए। इनमें साम्प्रदायिक सद्भाव, विभिन्न सामाजिक, साम्प्रदायिक आदि विसंगतियों जैसे दहेज, धूम्रपान, भिक्षावृत्ति व्यवसाय, कन्या भ्रूण हत्या, आवास समस्या, अपराधियों का हौसला, वृद्धावस्था की त्रासदी, नई पीढ़ी का खुलापन,, फर्जी वृक्षारोपण, आतंकवाद, ऋण की समस्या समलैंगिकता, गुडागर्दी, रिश्वतखेरी, बाढ़ की समस्या, जल की खोज, क्षेत्रवाद, वेलेंटाइन डे, दलबदल, बेरोज़गारी, धार्मिक उन्माद आदि विषयों पर केंद्रित लगभग सौ कार्टून, छोटी कविताएं और लघु कहानियां शामिल हैं।
इस प्रदर्शनी का पहली बार 1985 में झांसी में प्रदर्शन किया गया। तत्पश्चात इसका प्रदर्शन ललितपुर में बाकायदा टिकट से किया गया और जनता की बेहद मांग पर यह प्रदर्शनी लगातार दो दिनों तक चलती रही। श्री किशोर के दिल्ली आने के बाद विगत 25 वर्षों में विभिन्न साहित्यिक/सामाजिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा इस प्रदर्शनी के सैकड़ों आयोजन दिल्ली सहित आगरा, मथुरा, खुर्जा, झांसी, ललितपुर, देवबंद, जबलपुर, अंबाला छावनी, गाजियाबाद, शिलांग, बेलगाम व गोवा आदि शहरों में संपन्न हो चुके हैं। कोई भी प्रतिष्ठित संस्था आदि अवकाश के दिनों में इस प्रदर्शनी का अपने यहां निःशुल्क आयोजन करवा सकती है। इस प्रदर्शनी में समय-समय पर बदलाव भी किया जाता रहा है। प्रदर्शनी के पोस्टरों और दर्शकों की प्रतिक्रियाओं को ‘खरी-खरी’ नाम से पुस्तक का रूप भी दिया गया है।

किशोर का संपर्क सूत्र हैः
email- kishorsemilen@gmail.com
Blog-http://kharikharicartoons.blogspot.com



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किशोर श्रीवास्तव एक परिचय:


माता एवं पिता का नाम : स्व. श्रीमती मिथलेश श्रीवास्तव एवं स्व. श्री रामेश्वर नारायण श्रीवास्तव

जन्म स्थान : पूर्वी चंपारन

आयु : 48 वर्ष

शिक्षा : संपादन कला विशारद, एमए, एलएलबी, पीजीजेएमसी,संगीत (गायन/वादन) में कनिष्ठ डिप्लोमा आदि।

रोजी-रोटी : नई दिल्ली स्थित केंद्र सरकार के एक कार्यालय में सहायक निदेशक के पद पर कार्यरत

रुचियॉं : समाज सेवा, लेखन, व्यंग्य चित्रकारी, गायन, वादन एवं मंचीय हास-परिहास

साहित्यिक विद्यायें : कहानी, लघुकथा, कविता, व्यंग्य लेखन, व्यंग्य चित्रकारी आदि

प्रकाशित कृतियॉं : अभागा राजकुमार (बाल उपन्यास), पक्षियों के सुंदर घर, रिश्तों की डोर, पक्षियों की एकता एवं अपना घर (बाल कहानी संग्रह), खरी-खरी (सामाजिक कार्टूनों एवं लघु रचनाओं का संग्रह), कटाक्ष (लघुकथा संग्रह), आप बीती, जग बीती (व्यंग्य संग्रह)।

संपादन : विभिन्न सरकारी/गैर सरकारी पत्र/पत्रिकाओं एवं स्मारिकाओं आदि का संपादन/रेखांकन। कुछ स्मारिकायें स्वयं की हस्तलिपि में प्रकाशित। वर्तमान में सरकारी सेवा के साथ-साथ अवैतनिक रूप से हम सब साथ साथ द्विमासिक पत्रिका के कार्यकारी संपादक के पद पर कार्यरत।

प्रकाशन/प्रसारण : देश की सैकड़ों पत्र/पत्रिकाओं में प्रकाशित एवं आकाशवाणी के छतरपुर व दिल्ली केंद्र, एफएम रेडियो और दूरदर्शन दिल्ली, प्रज्ञा एवं आज तक आदि चैनलों पर कार्यक्रम प्रसारित

पुरस्कार/सम्मान : रेड एंड व्हाइट सामाजिक बहादुरी पुरस्कार, राश्ट्र गौरव पुरस्कार, राश्ट्रीय प्रतिभा सम्मान, स्व. जगदीश कश्यप स्मृति लघुकथा सम्मान, चिल्ड्रेन बुक ट्रस्ट बाल कहानी पुरस्कार, महाराज कृष्ण जैन सम्मान, राश्ट्रीय एकता सम्मान एवं राष्ट्रभाषा आदि विभिन्न सम्मानों सहित समाज सेवा, व्यंग्य चित्रकारी, गीत, संगीत एवं लेखन आदि के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाओं/उपलब्धियों के चलते श्रीमती किरन बेदी, पद्मश्री बरसाने लाल चतुर्वेदी, डा. आर. डी. सक्सेना, श्रीमती विमला मेहरा, श्रीमती अंजना कंवर एवं श्री लहरी सिंह आदि जैसी हस्तियों के साथ अनेक पुरस्कार/सम्मानप्राप्त।

विषेश उपलब्धि : अपने कार्टून, लघु कथाओं एवं छोटी-छोटी कविताओं के माध्यम् से विभिन्न सामाजिक/साम्प्रदायिक विसंगतियों पर कटाक्ष करती एवं सामाजिक/साम्प्रदायिक सद्भाव व मैत्री-भाईचारे के प्रचार-प्रसार हेतु निर्मित लगभग 100 रंगीन पोस्टरों की प्रदर्शनी खरी-खरी’ का वर्श 1985 से देश के विभिन्न स्थानों पर निःशुल्क प्रदर्शन।

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