
यकीं मुझको भी जाने क्यों कभी उस पर नहीं आया
कभी सैय्याद के जो खौफ से बाहर नहीं आया
परिंदा कोई भी ऐसा फलक छू कर नहीं आया
अदालत में गए हम फैसला ईश्वर पे सुनने सब
मगर अफ़सोस सब आए फकत ईश्वर नहीं आया
बहुत आई सदाएं शहृ की मेरे दरीचे से
मगर मैं हादसों के खौफ से बाहर नहीं आया
मेरी मजबूर बस्ती में उगा तो था सुबह सूरज
वो अपनी मुट्ठियों में रौशनी ले कर नहीं आया
बहुत आए हमारे गांव में सपनों के ताजिर पर
गरीबी दूर करने वाला बाज़ीगर नहीं आया
करोड़ों देवताओं के करोड़ों रूप हैं लोगो
बदल दे ज़िंदगानी जो वो मुरलीधर नहीं आया
मकानों की कतारों में गए हम दूर तक ऐ दोस्त
चले भी थे मुसलसल पर तुम्हारा घर नहीं आया
बहुत आवाज़ दी तुझको तेरे ही घर के बाहर से
मगर अफ़सोस तू इतनी सदाओं पर नहीं आया
13 टिप्पणियाँ
बहुत आए हमारे गांव में सपनों के ताजिर पर
जवाब देंहटाएंगरीबी दूर करने वाला बाज़ीगर नहीं आया
बहुत अच्छी ग़ज़ल है प्रेमचंद जी। साहित्य शिल्पी पर आपका स्वागत है।
बहुत अच्छी ग़ज़ल है, बधाई।
जवाब देंहटाएंDeep thoughts are well composed. Nice Gazal.
जवाब देंहटाएंमकानों की कतारों में गए हम दूर तक ऐ दोस्त
जवाब देंहटाएंचले भी थे मुसलसल पर तुम्हारा घर नहीं आया
बहुत आवाज़ दी तुझको तेरे ही घर के बाहर से
मगर अफ़सोस तू इतनी सदाओं पर नहीं आया
हर शेर उम्दा है।
nice
जवाब देंहटाएं-Alok Kataria
अच्छी गज़ल....बधाई
जवाब देंहटाएंकोई भी कमजोर शेर नहीं है
जवाब देंहटाएंकरोड़ों देवताओं के करोड़ों रूप हैं लोगो
बदल दे ज़िंदगानी जो वो मुरलीधर नहीं आया
प्रेमचन्द सहजावाला जी का साहित्य शिल्पी पर हार्दिक अभिनंदन। सशक्त रचना से अपनी उपस्थिति आपने दर्ज करायी है। आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब.... सारे शेर कमाल के हैं.. विशेषकर:
जवाब देंहटाएंकभी सैय्याद के जो खौफ से बाहर नहीं आया
परिंदा कोई भी ऐसा फलक छू कर नहीं आया
एवं
मेरी मजबूर बस्ती में उगा तो था सुबह सूरज
वो अपनी मुट्ठियों में रौशनी ले कर नहीं आया
धन्यवाद,
विश्व दीपक
एक सुन्दर सशक्त गजल
जवाब देंहटाएंvrtman srokaron ko jivnt krti sundr rchna
जवाब देंहटाएंbdhai
Bahut hii umdaa gazal. Badhaaii bhaaii Premchand jii! Badhaaii saahitya-shilpii
जवाब देंहटाएंLovely and attractive one keep on writing brother...
जवाब देंहटाएंRaj
आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.