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मैं [कविता] - अवनीश तिवारी

कभी आहत, कभी खुशमिजाज ,
कभी असफल , कभी कामयाब,
कभी निर्धन , कभी बन नवाब ,
प्रयत्नशील मैं |


कभी सचेत , कभी बेखबर ,
कभी चिंचित , कभी बेफिकर,
कभी प्रसिद्ध , कभी बेजिकर,
प्रयत्नशील मैं |


कभी रुका सा , कभी रह-गुज़र,
कभी मंद हो, कभी रफ़्तार- भर,
कभी रात खो , कभी जग - सहर,
प्रयत्नशील मैं |

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