युवा कथाकार पंकज सुबीर को उपन्यास ''ये वो सहर तो नहीं'' के लिये वर्ष 2010 का ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार प्रदान किया गया । भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा दिल्ली पुस्तक मेले में 29 दिसंबर को आयोजित कार्यक्रम में शीर्ष आलोचक डॉ. नामवर सिंह की अध्यक्षता, वरिष्ठ कथाकार श्रीमती चित्रा मुदगल के मुख्य आतिथ्य तथा डॉ. विजय मोहन सिंह, श्री रवीन्द्र कालिया, कथाकार श्री अखिलेश, श्रीमती ममता कालिया, कवि दिनेश शुक्ल की उपस्थिति में 31000 रुपये तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया ।
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[समाचार प्रस्तुति - सुधा ओम ढींगरा]
6 टिप्पणियाँ
Congrats Pankaj ji. You deserve it and more.
जवाब देंहटाएंपंकज सुबीर जी को बधाई।
जवाब देंहटाएंबधाई और शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंBest wishes
जवाब देंहटाएं-Alok Kataria
Subeer ji
जवाब देंहटाएंaapko meri hardik badhayi evam shubhkamanyein ho. AApke sahitya safar ke kshitij ka visttar anant ki or badh raha hai..
देर सारी बधाई और शुभ कामनाएँ सुबीर जी....
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.