
दादा कहते हाथी डुब्बन
जल होता था नदियों में
कहीं कहीं तो मगरमच्छ का
डर होता था नदियोंमें|
डुबकी जब गहरे में लेते
थाह नहीं मिल पाती थी
बड़े बड़े मेंढक कछुओं का
घर होता था नदियों में|
बीच में गहरी चट्टानों के
फँस जाने का डर होता,
तैराकों का खून से लथपथ
सिर होता था नदियों में|
गर्मी में भी मटका लेकर
दादी जल भर लाती थी,
बारहों महीने जब पानी
झर झर होता था नदियों में|
सुबह सुबह ही रोज नहाकर
सूरज को अरगा देते,
वैदिक मंत्रों से स्वागत
जल भर होता था नदियों में|
भले नारियां तीरों पर
पानी में छप.छप करती हों,
नदी पार कर जाने वाला
नर होता था नदियों में|
अब तो नदी घाट सब सूखे
नहीं बूँद भर पानी है,
पहले जी भरके पानी
क्योंकर होता था नदियों में?
पर्यावरण प्रदूषण क्या है
नहीं जानता था कोई,
इसीलिये तो हर हर हर का
स्वर होता था नदियों में|

नाम- प्रभुदयाल श्रीवास्तव
जन्म- 4 अगस्त 1944 धरमपुरा दमोह {म.प्र.]
शिक्षा- वैद्युत यांत्रिकी में पत्रोपाधि
लेखन- विगत दो दशकों से अधिक समय से कहानी,कवितायें व्यंग्य ,लघु कथाएं लेख, बुंदेली लोकगीत,बुंदेली लघु कथाए,बुंदेली गज़लों का लेखन
कृतियां - दूसरी लाइन [व्यंग्य संग्रह]शैवाल प्रकाशन गोरखपुर से प्रकाशित, बचपन गीत सुनाता चल[बाल गीत संग्रह]बाल कल्याण एवं बाल साहित्य शोध केन्द्र भोपाल से प्रकाशित, बचपन छलके छल छल छल[बाल गीत संग्रह]बाल कल्याण एवं बाल साहित्य शोध केन्द्र भोपाल से प्रकाशित
सम्मान - राष्ट्रीय राज भाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा "भारती रत्न "एवं "भारती भूषण सम्मान", श्रीमती सरस्वती सिंह स्मृति सम्मान वैदिक क्रांति देहरादून एवं हम सब साथ साथ पत्रिका दिल्ली, द्वारा "लाइफ एचीवमेंट एवार्ड", भारतीय राष्ट्र भाषा सम्मेलन झाँसी द्वारा" हिंदी सेवी सम्मान", शिव संकल्प साहित्य परिषद नर्मदापुरम होशंगाबाद द्वारा"व्यंग्य वैभव सम्मान", युग साहित्य मानस गुन्तकुल आंध्रप्रदेश द्वारा काव्य सम्मान।
जन्म- 4 अगस्त 1944 धरमपुरा दमोह {म.प्र.]
शिक्षा- वैद्युत यांत्रिकी में पत्रोपाधि
लेखन- विगत दो दशकों से अधिक समय से कहानी,कवितायें व्यंग्य ,लघु कथाएं लेख, बुंदेली लोकगीत,बुंदेली लघु कथाए,बुंदेली गज़लों का लेखन
कृतियां - दूसरी लाइन [व्यंग्य संग्रह]शैवाल प्रकाशन गोरखपुर से प्रकाशित, बचपन गीत सुनाता चल[बाल गीत संग्रह]बाल कल्याण एवं बाल साहित्य शोध केन्द्र भोपाल से प्रकाशित, बचपन छलके छल छल छल[बाल गीत संग्रह]बाल कल्याण एवं बाल साहित्य शोध केन्द्र भोपाल से प्रकाशित
सम्मान - राष्ट्रीय राज भाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा "भारती रत्न "एवं "भारती भूषण सम्मान", श्रीमती सरस्वती सिंह स्मृति सम्मान वैदिक क्रांति देहरादून एवं हम सब साथ साथ पत्रिका दिल्ली, द्वारा "लाइफ एचीवमेंट एवार्ड", भारतीय राष्ट्र भाषा सम्मेलन झाँसी द्वारा" हिंदी सेवी सम्मान", शिव संकल्प साहित्य परिषद नर्मदापुरम होशंगाबाद द्वारा"व्यंग्य वैभव सम्मान", युग साहित्य मानस गुन्तकुल आंध्रप्रदेश द्वारा काव्य सम्मान।
1 टिप्पणियाँ
भविष्य में पानी की कमी के प्रति गहन चिंतन|कवि की संवेदन युक्त सोच बधाई|
जवाब देंहटाएंअवधेश तिवारी
आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.