यदि हमारे बस में होता
नदी उठाकर घर ले आते
अपने घर के ठीक सामने
उसको हम हर रोज बहाते|
कूद कूद कर उछल उछल कर
हम मित्रों के साथ नहाते
कभी तैरते कभी डूबते
इतराते गाते मस्ताते|
"नदी आई है आओ नहाने"
आमंत्रित सबको करवाते
सभी निमंत्रित भद्र जनों का
नदिया से परिचय करवाते|
यदि हमारे मन में आता
झटपट नदी पार कर जाते
खड़े खड़े उस पार नदी के
मम्मी मम्मी हम चिल्लाते|
शाम ढले फिर नदी उठाकर
अपने कंधे पर लदवाते
लाये जँहां से थे हम उसको
जाकर उसे वहीं रखआते|
नदी उठाकर घर ले आते
अपने घर के ठीक सामने
उसको हम हर रोज बहाते|
कूद कूद कर उछल उछल कर
हम मित्रों के साथ नहाते
कभी तैरते कभी डूबते
इतराते गाते मस्ताते|
"नदी आई है आओ नहाने"
आमंत्रित सबको करवाते
सभी निमंत्रित भद्र जनों का
नदिया से परिचय करवाते|
यदि हमारे मन में आता
झटपट नदी पार कर जाते
खड़े खड़े उस पार नदी के
मम्मी मम्मी हम चिल्लाते|
शाम ढले फिर नदी उठाकर
अपने कंधे पर लदवाते
लाये जँहां से थे हम उसको
जाकर उसे वहीं रखआते|
4 टिप्पणियाँ
.कितने भोले कितने अच्छे होते कितने प्यारे बच्चे . . दिनभर शोर मचाते रहते सबको खूब सताते रहते . हाथ हमारे कभी न आते झलक दिखा के फिर छिप जाते . ..रोते रोते हस्ते बच्चे .सबके दिल में बसते बच्चे . मौला करदे तू कुछ अछ्छा .मुझे बनादे फिर से बच्चा
जवाब देंहटाएंवाह... वाह... बहुत खूब. सरल, सरस बाल गीत मन को भाया.
जवाब देंहटाएंअच्छी बालगीत..बधाई
जवाब देंहटाएंसभी प्रतिक्रिया देने वालों को धन्यवाद
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.