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सांप का ज़हर पानी निकला [कविता] - नित्यानंद गायेन


आज शाम
ठीक ७:३० बजे
निकला जब
कालेज भवन से
और चल रहा था
खोये हुए मन से
सहम कर रुक गया अचानक
सड़क पर रेंगते हुए एक
सांप को देखकर
और वह भी
डर गया था मेरे कदमों की आहट से
अवश्य वह मुझसे पहले डरा होगा
भई मैं आदमी जो हूँ
मेरे रुकने पर वह भागने लगा
पर आदमी से कौन बच सकता है भला ?
वहीं कुचल डाला मैंने उसे
सोचा बड़ा ज़हरीला है
किन्तु मेरे
भय और क्रोध के आगे
उस सांप का ज़हर पानी निकला
===========

नित्यानंद गायेन
315 , डोयेंस कालोनी
शेरी लिंगम्पल्ली
हैदराबाद --500019 .

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