जी हुजूर , आपसे ही कह रहा हूँ ,हां हां आपसे ही पढ़ने वालो से!
नफरत है मुझे तुम्हारे इस समाज से, और खुद से भी क्यूंकि आखिर में भी इसी समाज का तो एक हिस्सा हूँ!
तुम्हारा समाज, हां हां तुम्हारा समाज जिसे तुम ''सिविल सोसाएटी'' कहते हो, ये सिर्फ लोगो का नाम ही नही पूछता बल्कि पूरा नाम पूछता है!! जाने क्यूँ मै भी नही जानता! आखिर क्या छुपा है नाम के आखिरी हिस्से में!
हां जनाब सच कहता हूँ, मै झूठ नही बोलता ये वही समाज है जिसमे आदमी और आदमी में फर्क किया जाता है!
ये वही समाज है जनाब, शायद आप नही जानते पर यहाँ लोगो के सर काटे जा रहे है, ''जन अदालत'' लगाकर! भरे बाज़ार में, उनके बच्चो के सामने ! उफ्फ कैसा मंज़र है , मै हैरान हूँ पूरी तरह से!
दिल जोरो से धड़क रहा है! अब तो डर लगता सड़को पर चलने से!!
तुम्हारे समाज में ज़िन्दा तो हूँ पर बहुत शर्मिंदा हूँ ..................अब आगे और न लिखा जायेगा , लिखूंगा तो मेरी कलम की नोंक चीर देगी तुम्हारा सीना और उतर जाएगी तुम्हारे दिलो तक ..................अलविदा!!!!!!!!!!!
नफरत है मुझे तुम्हारे इस समाज से, और खुद से भी क्यूंकि आखिर में भी इसी समाज का तो एक हिस्सा हूँ!
तुम्हारा समाज, हां हां तुम्हारा समाज जिसे तुम ''सिविल सोसाएटी'' कहते हो, ये सिर्फ लोगो का नाम ही नही पूछता बल्कि पूरा नाम पूछता है!! जाने क्यूँ मै भी नही जानता! आखिर क्या छुपा है नाम के आखिरी हिस्से में!
हां जनाब सच कहता हूँ, मै झूठ नही बोलता ये वही समाज है जिसमे आदमी और आदमी में फर्क किया जाता है!
ये वही समाज है जनाब, शायद आप नही जानते पर यहाँ लोगो के सर काटे जा रहे है, ''जन अदालत'' लगाकर! भरे बाज़ार में, उनके बच्चो के सामने ! उफ्फ कैसा मंज़र है , मै हैरान हूँ पूरी तरह से!
दिल जोरो से धड़क रहा है! अब तो डर लगता सड़को पर चलने से!!
तुम्हारे समाज में ज़िन्दा तो हूँ पर बहुत शर्मिंदा हूँ ..................अब आगे और न लिखा जायेगा , लिखूंगा तो मेरी कलम की नोंक चीर देगी तुम्हारा सीना और उतर जाएगी तुम्हारे दिलो तक ..................अलविदा!!!!!!!!!!!
nice
उत्तर देंहटाएं-Alok Kataria
अच्छा आलेख...बधाई
उत्तर देंहटाएंSirf kosne se kuch nahi hoga nitesh ji. Aakhir is samaj ko yesa banaane ke liye hum bhi to jimmedar hai.jaayaj chinta ke liye badhi
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