बूढ़े ने शीशम के पेड़ के सहारे ब्लैकबॉर्ड टिकाया और जेब में से मोटे काँच वाली ऐनक निकालकर आँखों पर चढ़ा ली। - अ से....?
बूढ़े ने तीन का अंक बनाया, उसके बीच से एक लेटा हुआ डंडा खींचा और उसके दूसरी ओर एक खड़ा हुआ डंडा खींचा। फिर सामने टाट-पट्टी बिछाकर बैठे बच्चों की ओर देखने लगा।
- अर्जुन...
एक बच्चा बोला।
- अकबर...
दूसरा बोला।
- अरहर की दाल।
एक और बोला।
- अनार...
बूढ़े ने कहा और घबराकर मुँह फेर लिया। फिर उसने ‘आ’ लिखा।
- आ से?
- आग...
पहला बच्चा बोला।
- आग...., - आग...., - आग....
तीन और बच्चों ने भी पुष्टि की।
तभी कहीं से एक जवान लड़का आ गया।
- खाना खा लो।
बूढ़े ने बच्चों से पूछा- खाना खाओगे?
- नहीं...
- नहीं...
- नहीं...
- माँ ने मना किया है।
बूढ़ा डर गया। कुछ दिनों से वह छोटी छोटी बिना बात की बातों पर डरने लगा था। उसने घबराकर ऐनक उतार ली।
- बच्चों, आज का अंतिम प्रश्न। हमारा देश कौनसा है?
बच्चे चुप रहे।
- बूढ़े का देश कौनसा है?
एक बच्चे ने अपने पास बैठे बच्चे के कान में पूछा।
- बच्चों, कल ही मैंने बताया था। कौनसा है हमारा देश?
बच्चे चुप रहे।
- ठंडा हो जाएगा...
जवान लड़के ने कहा तो बूढ़ा निराश होकर चलने लगा। बच्चे अपनी टाट पट्टियाँ उठाकर भाग लिए।
- बूढ़े का देश कौनसा है?
तीसरे बच्चे ने अपना सामान समेटते हुए चौथे बच्चे के कान में कहा।
- कोई दूसरा है...
चौथे बच्चे ने उत्तर दिया।
- कोई दूसरा है...., - कोई दूसरा है...
सब बच्चे भागते हुए अपने-अपने कानों में फुसफुसा रहे थे ।
==============================
6 टिप्पणियाँ
विचारधाराओं की खींचतान कैसे नसों में घुस गयी है यह लघुकथा दिखाती है। बधाई सूरज जी।
जवाब देंहटाएं- बूढ़े का देश कौनसा है?
जवाब देंहटाएंतीसरे बच्चे ने अपना सामान समेटते हुए चौथे बच्चे के कान में कहा।
- कोई दूसरा है...
चौथे बच्चे ने उत्तर दिया।
- कोई दूसरा है...., - कोई दूसरा है...
सब बच्चे भागते हुए अपने-अपने कानों में फुसफुसा रहे थे ।
गज़ब का व्यंग्य
- कोई दूसरा है...., - कोई दूसरा है...
जवाब देंहटाएंसब बच्चे भागते हुए अपने-अपने कानों में फुसफुसा रहे थे ।
A Truth. A True story.
हम लोग ट्कडे टुकडे में इस्ई लिये बटते जा रहे हैं क्योंकि हम भी चाहते हैं कि हमारे बच्चे वही सोचे6 जो हम खुद सोचते हैं। हम पीढों को एसा ही जहर दे रहे हैं।
जवाब देंहटाएंविचारों की संकीर्णता पर बार बार पढी जाने योग्य लघुकथा।
जवाब देंहटाएंसुंदर लगी लघु कथा
जवाब देंहटाएंआशीर्वाद
आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.