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दुलारा बापू [गीतिका] - देवी नागरानी


लाठ लँगोटी वाला बापू
हर दिल का दिलदार रहा॥

देश दुलारे बापू जी का
जनता से अति प्यार रहा॥

हिंसा के मारग का खँडन
अहिँसा का प्रचार रहा॥

आदि अँत तक फिरँगियों की
हर शै का बहिष्कार रहा॥

शस्त्र बिना जो लडी लडाई
"सत्याग्रह" हथियार रहा॥

रहनी करनी उनकी ऐसी
ज्यूँ गीता का सार रहा॥

प्रार्थना में निश्चय देवी
जीवन का श्रँगार रहा॥

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