दिनांक 9/12/2011 को वरिष्ठ साहित्यकार राजेन्द्र यादव के हाथों तेजेन्द्र शर्मा के कहानी संग्रह ‘कब्र का मुनाफा’ के द्वितीय संस्करण का व रचना समय विशेषांक का लोकार्पण हुआ। इस अवसर पर राजेन्द्र यादव ने कहा कि तेजेन्द्र शर्मा की कहानियां कई बारीक स्तरों पर पहचान की खोज तथा साथ ही पहचान के स्थानांतरण की भी बात करती हैं। उनके अनुसार किसी प्रवासी लेखक को प्रवासी कहने का मक़सद उस लेखक को अपमानित करना नहीं बल्कि कहानी की संपूर्णता को देखे जाने व समझे जाने के लिये यह विभाजन किया जाता है।
तेजेन्द्र शर्मा ने कहा, ‘आज से 32 वर्ष पूर्व इंदुजी के मार्गदर्शन में हिंदी कहानी लिखी और उनका उस समय का मार्गदर्शन आज मुझे इस उंचाई पर ले आया। मैं आज की शाम इंदुजी के नाम समर्पित करता हूं।‘ साथ ही तेजेन्द्र शर्मा ने यह भी कहा कि जिस प्रकार महेश भारद्वाज ने ‘कब्र का मुनाफा’ के दूसरे संस्करण की घोषणा डंके की चोट पर की है, इसी तरह अन्य‘ प्रकाशक भी अपने लेखकों के कामयाब लेखन का उत्सव मनायें तो हिन्दी लेखकों का क़द हिन्दी साहित्य में काफी उंचा हो जायेगा। दिल्ली हिन्दी अकादमी के सचिव श्री परिचयदास, सुशील सिद्धार्थ, विजय शर्मा, साधना अग्रवाल, भारत भारद्वाज एवं वंदना यादव ने कहानी पर अपने-अपने वक्तव्य दिये।
इस अवसर पर तेजेन्द्र शर्मा हेतु लंदन से श्रीमती ज़किया ज़ुबैरी द्वारा भेजे गये संदेश को पढ़ा गया व मुंबई से उनकी मित्र श्रीमती मधु अरोड़ा व सूरजप्रकाश द्वारा भेजा गया पुष्प-गुच्छ प्रदान किया गया। इस समारोह में दिल्ली के गणमान्य् व्यक्तित्व उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का आयोजन सामयिक प्रकाशन व समाज संस्था द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अजय नावरिया ने किया।
2 टिप्पणियाँ
समाचार के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंSri Tejendra Sharma ji ko badhai va shubhkamnaye
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.