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[व्यंग्य] - वेद प्रकाश शर्मा

नाक मतलब नाक 
नाक जी हाँ नाक मतलब नाक यानि नाक का मतलब नाक नही अपितु नाक नाक है ,जी हाँ ,आम आदमी एक तरफ है  और नाक एक तरफ है तो क्या यह आदमी से अलग है | है तो पर चिपकी भी आदमी से ही अच्छी तरह ही ही है अलग भी नही है और यदि अलग हो गई तो बस समझो बड़ी मुश्किल हो जाएगी |युद्ध हो जाता है हजारों वानर भालू इसी नाक में कारण परेशानी में पड़ गये थे कितने ही लोग मारे गये थे बेशक राक्षस थे पर थे वे भी आसमी ही | पर वे मरते कहाँ है क्यों कि उन की नाक लगता है ज्यादा बड़ी है मानवों से बड़ी है तभी तो कटी थी और जब क्त गई तो युद्ध होता ही इसी लिए नाक तो नाक ही हुई न |

चलो ये तो बहुत पुरानी बात हो गई पर बाद में भी नाक की ही तो बात थी जिस के कारण भाई २ ही आपस में लड़ पड़े और उस कारण इर्तना बड़ा महाभारत का युद्ध हो गया वह भी नाक के लिए और नाक की लड़ाई भी गजब की हुई बाकायदा लड़ाई के लिए मैदान तलाशा गया ,शंख बजा २ कर युद्ध हुआ आदमी तो मरे ही हाथी घोड़े आदि जानवर भी बेचारे आदमी की नाक की बलि चढ़ गये |बताओ यह नाक हुई या यमराज का मृत्यु पाश हुआ |इसे आप जो भी खो पर इस नाक ने खूब ही कहूँ खराबा किया और उस के बाद भी यही सिलसिला निरंतर आज तक चल रहा है | अब भी यह नाक न हो कर नाक बनी हुई है |

हे भगवान जी !तूने आदमी को ऐसी खतरनाक नाक जैसी चीज क्यों दे डी है |इस से अच्छा होता नाक न ही होती परन्तु नाक न होती तो भी मुश्किल होती फिर तीखे नैन नक्श की सुम्दरता का बखान या वर्णन कहाँ से होता | बेचारे  तोते की नाक  को कौन पूछता उस  की नाक आदमी की नाक होने से बच जाती |पर आज बिना नाक के आदमी की कल्पना करना सम्भव नही है " दस दरवजे " के स्थान पर नौ ही रह जाते और बाबा जी का अनुलोविलोम प्राणायाम  भी ठीक नही होता परन्तु आदमी अनुलोम विलोम करे या न करे पर नाक जरूर रखता है बेशक औकात के हिसाब से रखे या उस से बड़ी छोटी रखे पर  नाक रखता जरूर है |

इसी नाक  कारण आज भी बड़ी २ पंचायते  भी खूब उलटे सीधे काम करती रहतीं हैं | पति पत्नी को आपस में ही जबरदस्ती भाई बनवा देते हैं पति को पत्नी से ही राखी बंधवा देते हैं | लो जी यह कोई बात हुई की जो बच्चो का पिता है बताओ वह बच्चों का मामा कैसे बन सकता है | यह क्या बात हुई | यह तो गुंडा गर्दी हो गई |यदि ये पंचायते ऐसी ही नाक वाली हैं तो शराब बंद करवाएं कन्या भ्रूण हत्या बंद करवाएं | यदि ये वास्तव में ही नाक रखती हैं तो गाँव में हो रहे अपराध बंद करवाएं , अपने २ बिगड़े लाडलों को सुधारें परन्तु नही उन के लिए इन की नाक नही रहती हैं | बस यह नाक तो कमजोर आदमी को सताने के लिए ही लग जाती है और ताकत वर के सामने निकल कर जेब में नही चप्पलों या जूतों तक में चली जाती है | उस समय इन्हें अपनी नाक याद नही आती है |

पर आज कल सोचता कौन है और नाक ही तो ऐसी चीज है जो न तो आगा सोचती है और न ही पीछा | बस जो करना है करवा देती है | बस नाक बचनी चाहिए परन्तु जरूरी नही  इस से नाक बच ही जाये | कई बार तो उस के बाद जो नाक कटती है तो उसे बचना मुश्किल हो जाता है | फिर जिन्दगी भर नाक सिनकनी पडती है |
परन्तु यह समझ में नही आता की नाक बड़ी है या आदमी ,परन्तु लगता है आदमी की तो औकात ही क्या है |लगता है आदमी से नाक कई दूना बड़ी है जिस कारण अपनी औकात भी भूल जाता है और नाक के ही चक्कर में क्या से क्या नही कर बैठता | बेशक बाद में कितनी ही परेशानियाँ उसे उठानी पड़ें ,परन्तु एक बार तो नाक के लिए मरने तक को तैयार हो जाता है |

परन्तु मैं समझता हूँ इस में आदमी का क्या कसूर है | उस की यह नाक तो भगवान जी ही तो बनाई नही | जिसे जैसी दे दी वह वैसी ही तो रखेगा |वह इसे न तो छोटी कर सकता है और न ही बड़ी कर सकता है | एक बार परिहास में पता लगा कि आदमी की नाक की लम्बाई उस की मध्यमा अंगुली के पहले दो पोर के बराबर होती है | आप भी अपनी नाक इस अंगुली से नाप कर देखें तो कि आप की नाक की लम्बाई कितनी है , हो सकता है आप में से किसी कीईई नाक इस से सूत दो सूत यानि सेंटी मीटर बड़ी हो पर ऐसे कम ही मिलते हैं पर जो होते हैं वे कहते हैं  बड़े नक्कू होते हैं | मैं भी हूँ तभी तो कोई पुष्कर अभी तक नही झटक पाया हूँ | यदि मिल ही जाता तो नाक छोटी न हो जाती पर मैं  समझता  बड़ी हो गई है |वैसे नक्कू तो  हर आदमी  होता है |
वैसे नक्कू तो हर आदमी होता है चाहे उस की नाक लम्बी हो या छोटी हो चाहे वह चीन देश का हो या जापान देश का हो बेशक उस के नाक के नाम पर दो छेड़ ही दिखाई दे रहे हों परन्तु नाक तो उन की भी होती है और ची की तो नाक न होती हुए भी बहुत लम्बी नाक है जिस ने अमेरिका तक की नाक में दम किया हुआ है और बहरत की नाक में दम किये ही रहता है |बेशक यहाँ के लोगो को दिखे या न दिखे यहाँ के शासक उसे दिखने दें या न दिखने दें क्यों कि वह पहले भी भारत की नाक कई बार कट चुका है पर हमारे तत्कालीन शासकों नाक पर इस का कोई असर ही नही हुआ पता नही उन की नाक कैसी थी या थी भी या नही थी | समझा नही आई , नही तो यह क्यों कहते कि उस जमीन में कुछ पैदा थोड़ी होता है जिस पर चीन ने कब्जा कर लिया है यह कोई नाक वाले आदमी की बात है भला | देश की धरती धरती नही होती यह तो नाक की बात होती है |

वैसे ज्यादा लोगों की नाक होते हुए भी वे बिना नाक के ही होते हैं उपर से तो अपनी नाक की बात करते हैं पर अपना भीखमंगापना भी खूब दीखते रहते हैं | लडकों की शादियों में क्या २ भीख में नही मांगते | कोई कहे कि आप के यहाँ तो सब कुछ है परन्तु यह भीख वे इसी लिए तो मांगते हैं कि यह सब कुछ होने के कारण उन की नाक की बात हो जाती है |पर यह नाक की बात कैसे हुई कि आप दूसरों से भीख मांग कर अपनी नाक बड़ी कर रहर हैं | बेशक इस भीख को आप चाहे दहेज कहें या दूसरा कोई और नाम दें पर यह है तो भीख ही |

दहेज ही क्यों इस प्रकार की यदि कोई कुछ भी वस्तु मांगे या न मांगने वाली चीज मांगे तो समझो उस के तो नाक है ही नही |और कुछ तो सेवा के बहाने से बदले में दूसरों की अस्मिता ही मांग लेते हैं तो क्या उन इस प्रकार के मांगने वालों को भला नाक होगी नही होगी उन जैसा नाक कटा और मिलना मुश्किल है | इन नाक वालों से तो सडक पर भीख मांगने वाले ज्यादा नाज वाले होंगें क्यों कि वे तो किसी मजबूरी में भीख मानते हैं और सब के सामने खुल कर मांगते हैं परन्तु ये तथा कथित बड़े और भले बनने का धुंग करते है पर आचरण भीख मंगों का सा करते हैं | 

इसी कर्म में क्या हम वोट मांगने को भी रख सकते हैं क्यों नही रखना ही चाहिए क्यों कि आज कोई नेता ही नही है जिस के पास उस के चरित्र को देख कर लोग स्वयं जा कर कहें कि हम आप को अपना नेता चुनते हैं पर ऐसा नाक वाला नेता है कहाँ सब अपनी ही नाक बड़ी बताते हैं पर जो अपनी स्वयं प्रसंशा कर रहा है तो यह तो हमारे यहाँ पाप खा गया है फिर वह कैसे नाक वाला हो गया अपनी बड़ी अपने ही मुंह से करना यह तो नकटे पने का काम है |

वैसे भी देखो तो देश में नाक है ही कहाँ देश में कुछ भी होता रहे , भ्रष्टाचार रोज २ बढ़ रहा है , अनैतिकता  बढ़ रही है ,गुंडा गर्दी बढ़ रही है , सरे आम लूट और बलात्कार हो रहे हैं| सडक पर तो क्या आम आदमी तो घर में भी सुरक्षित नही है फिर भला देश की या साशं की नाक भला कहाँ रह जाती है | परन्तु नाक को बचाए भी कौन | जो नाक को बचाने की बाते करते हैं भला उन की कौन सी नाक है इसी लिए तो एक दूसरे के विरूद्ध चुनाव लड़ कर खूब एक दूसरे की ऐसी तैसी करते हैं परन्तु जैसे ही चुनाव परिणाम घोषित हो जाते हैं वैसे थूक कर चाटने लगते हैं | जिन को दो दिन पहले तक उल्टा सीधा कह रहे थे उन्हें ही गले लगाने या उन के ही तलवे चाटने को तैयार हो जाते हैं | बताओ है इन की कोई नाक | नाक हो तो कह दें कि जिन के विरूद्ध चुनाव लदे हैं उन के साथ सत्ता में नही बैठेंगे  और  न ही उन्हें  समर्थन देंगे | पर नाक हो तब न , बेशक कितनी ही बड़ी नाक का दावा करें पर नाक होती कहाँ है इन को |

चलो छोड़ो भी इन बिना नाक वाले लोगों को , इन का रोना कब तक रोते रहोगे  , छोड़ो भी इन्हें | परन्तु देश में कहीं नाक भी तो होगी | उस की भी तो बात करनी चाहिए | बुराई की बात करने से बुराई बढती है साथ ही आप देखेंगे देश में सारे संचार माध्यम यही काम पूरे जोर शोर से कर रहे हैं | इस लिए कहीं तो नाक की बात होनी चाहिए | परन्तु कहाँ से ढूंढूं नाक वाले | आज भला कहाँ मिलते हैं बड़ा कठिन है नाक वाले ढूंढना | पर ऐसा नही कि नाक वाले हैं ही नही , हैं , कहीं तो हैं | पर वे अपनी  लम्बी नाक के कारण बिना नाक वालो के साथ आते ही कहाँ हैं | इसी लिए बिना नाक वाले ही चारों ओर खूब दिखाई देते हैं और अपनी चलते भी खूब हैं | यदि नाक वाले ही बाहर आ जये तो भला इन बिना नाक वालों को कौन पूछे | पर यह इतना आसन नही है क्यों कि बिना नाक वाले ही बहुत संख्या में हैं और संगठित भी हो जाते हैं | इसी लिए चलती भी उन्ही की है |

आप भी अपने आस पास कोई नाक वाला ढूंढो  जो नाक वाल ही हो उस ने उपर से झूठी न लगाई हुई हो , पर ढूंढो ,और कभी अपना चहेरा भी तो शीशे में देख सकते हो कि आप नाक वाले हैं या बिना नाक के ही नाक वाले बने फिरते हैं | खुद टी कर लो इस बात को | इसी से पता चल जायेगा कि समाज में कोई नाक वाला बचा भी है या नही |

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