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सरस्वती माथुर के हाईकू


"भोर किरण!"

1
भोर किरण
सूरज का सृजन
धूप जीवन

2
नभ सागर
तैरती चांदनी सी
भोर किरण

3
धूप उड़ान
सूर्य की पहचान
भोर किरण

4
सूर्य कमल
भंवरे सी है बंद
भोर किरण

5
भोर किरण
तितलियों सी आती
पंख पसारे

6
स्व्सृजित सी
ज्वलित मशाल ले
धूप बनाती

7
पाखी सी उड़े
नव अरुणोदय
भोर किरण

8
सूर्य डाल पे
कोयल सी कूकती
भोर किरण

9
श्वेत वस्त्रों में
सजधज के निकले
भोर किरण

10
सूर्य गोद में
नवजात शिशु सी
भोर किरण


धूप

1
चंचल धूप
हवा घोड़े पे बैठ
उड़ती फिरे

2
जागा सूर्य तो
धोया था सुबह ने
धूप से मुंह

3
धूप गोरैया
फुदक आंगन में
चढ़ी मुंडेर

धूप किरणें
फेनिल लहरों में
स्नान करतीं

5
तपा आकाश
नभ से छिड़कता
धूप की बूँदें

6
धूप पतंग
साँझ के कंधे पर
अटक गयी

7
रात स्याही
भोर के कागज पे
धूप कलम

8
धूप की कूची
चित्रकारी करता
गर्मी का दिन

9
निठूर बड़े
गर्मी के दिन आये
धूप करारी

१०
धूप के मोती
तरु गले लटके
माला के जैसे
................................
===========

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6 टिप्पणियाँ

  1. धूप और भोर किरण को विभिन्न रूपों में दर्शाते सुन्दर हाइकू हैं आपके सरस्वती जी | बधाई |

    जवाब देंहटाएं
  2. डा.रमा द्विवेदी

    भोर किरण और धूप 'पर आधारित सभी हाइकु अच्छे हैं ...सरस्वती जी को बधाई ...

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत बहुत आभार रमा जी ,शशि जी
    सरस्वती माथुर

    जवाब देंहटाएं
  4. विभिन्न रूपों में दर्शाते सुन्दर हाइकू हैं आपके| बधाई |

    जवाब देंहटाएं
  5. प्रतिभावान
    आप हैं हम नहीं
    कुछ भी नहीं

    जवाब देंहटाएं

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